वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद कांग्रेस में पेश किए गए एक बिल से भारत में कॉल सेंटर में काम करने वाले करोड़ों लोगों की नौकरी पर खतरा मंडरा गया है। अगर कांग्रेस में यह बिल पास हो जाता है तो फिर इसका असर उन बीपीओ पर सर्वाधिक पड़ेगा, जो अमेरिकन लोगों की भारत में बैठकर सहायता करते हैं।
इस बिल में यह प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक कॉल सेंटर कर्मचारी को अपनी लोकेशन के बारे में जानकारी देनी होगी और उसे कस्टमर को यह अधिकार देना होगा कि वो कॉल को अमेरिका में बैठे एजेंट को ट्रांसफर कर सके। ओहियो के सीनेटर शेरोर्ड ब्राउन द्वारा पेश किए गए इस बिल में उन कंपनियों की भी लिस्ट तैयार करने का भी प्रावधान है जो कॉल सेंटर नौकरियों को आॅउटसोर्स करती हैं तथा उन्होंने इसे अमेरिका के बाहर ट्रांसफर नहीं किया है।
अमेरिकी कस्टमर को उन कॉल सेंटर एजेंट से बात कर सकेंगे जो उनके देश में मौजूद होंगे। अभी अमेरिकन जब कॉल सेंटर पर बात करते हैं, तो उनकी कॉल को भारत सहित किसी और देश में ट्रांसफर कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर अमेरिकी कंपनियों ने अपना बीपीओ बिजनेस ऐसे देशों में स्थापित किया हुआ जहां कॉस्ट काफी कम आती है।