रियाद। सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने, फुटबॉल मैच देखने और सेना में भर्ती होने जैसे तमाम अधिकार मिलने के बाद जल्द ही हिजाब और विशेष काली पोशाक अबाया पहनने से भी छूट मिल सकती है। अब तक यहां महिलाओं को घर से निकलते वक्त सिर व चेहरे के साथ पूरे शरीर को ढंकने के लिए अबाया पहनना अनिवार्य था। सऊदी युवराज और उपप्रधानमंत्री मुहम्मद बिन सलमान का कहना है कि यदि महिलाएं शालीन तरीके से कपड़े पहनें तो उन्हें अबाया पहनने की जरूरत नहीं है।
कट्टरपंथी मानसिकता से उबर रहा देश
हाल में सऊदी अरब का कट्टरपंथ समाज मुहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में बड़े बदलावों से गुजर रहा है। इस दौरान महिलाओं पर लगाई गई पाबंदियां हटाने के साथ ही कई अवसर भी उपलब्ध कराए गए हैं। अबाया के मुद्दे पर युवराज का कहना है शरीयत में साफ तौर पर लिखा गया है कि महिलाओं को पुरुषों की तरह ही शालीन कपड़े पहनने चाहिए।
इसमें अबाया या हिजाब का जिक्र नहीं है। इसे पहनने या ना पहनने का चुनाव भी महिलाओं का होना चाहिए। पिछले माह एक वरिष्ठ धार्मिक नेता ने भी अबाया को गैर-जरूरी बताया था। इन सुधारों के बाद भी विदेश में पढ़ने, घूमने या अन्य कार्यो के लिए सऊदी महिलाओं के साथ एक पुरुष अभिभावक का होना जरूरी है। इसके विरोध में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठनों समेत कई समूह आवाज उठा रहे हैं।