अरबों डॉलर वाली परियोजना को लेकर जताई भारत से वार्ता की इच्छा
पिछले साल 73 दिन के गतिरोध के बाद सुलझे डोकलाम विवाद को लेकर चीन की 'चालबाजी' फिर शुरू हो गई है। चीन ने फिर दावा किया है कि डोकलाम चीन का हिस्सा है और वह वहां पर निर्माण कार्य भी करा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि डोकलाम चीनी भूभाग है और चीन उस इलाके में अपने प्रतिष्ठान बना रहा है। भूटान यहां अपनी संप्रभुता का दावा करता है।
इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन को डोकलाम समेत अपने सीमा विवाद को 'शांतिपूर्ण तरीके' से देखना चाहिए और मौजूदा तंत्र के जरिये उन्हें सुलझाना चाहिए। चीनी 'दैनिक ग्लोबल टाइम्स' में छपे चीन में भारतीय राजदूत गौतम बंबावले के एक इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनयिंग ने कहा कि मौजूदा तंत्र के जरिये मतभेदों को हल किया जा सकता है।
संवेदनशील क्षेत्रों में बदलाव उचित नहीं
भारतीय राजदूत ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि 3,488 किलोमीटर की सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में यथास्थिति में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा निश्चित रूप से हमने यह नोट किया कि राजदूत ने इस मुद्दे के संदर्भ में बयान दिया है। उन्होंने कहा मुझे कहना चाहिए कि दोनों देशों को सीमा मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से देखना चाहिये और सीमा-संबंधी मौजूदा तंत्रों के जरिये इनका समाधान करना चाहिए। इससे हम हमारे मतभेदों के उचित समाधान के लिए स्थितियां और सक्षम माहौल बना सकें। चीनसीमा पर तनाव को लेकर चर्चा करने के लिए व्यवस्था के अलावा भारत और चीन में सीमा विवाद को लेकर मतभेद के समाधान के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तर की सीमा वार्ता का तंत्र भी मौजूद है। एक नई उपग्रह तस्वीर में दिख रही दोनों तरफ की मोर्चबंदी को लेकर पूछे गए सवाल पर हुआ ने जोर देकर कहा कि डोकलाम चीनी भूभाग है और चीन उस इलाके में अपने प्रतिष्ठान बना रहा है। भूटान यहां अपनी संप्रभुता का दावा करता है।