ओकिनोशिमा। जापान के ओकिनोशिमा टापू को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज (विश्व धरोहर) घोषित किया है। धार्मिक रूप से पवित्र माने जाने वाले ओकिनोशिमा टापू पर महिलाएं नहीं जा सकती। इसके अलावा यहां के पुरुषों को भी टापू पर जाने से पहले निर्वस्त्र होकर नहाना जरूरी होता है। इस टापू पर मुनाकाता ताइशा ओकित्सु मंदिर है जहां समुद्र की देवी की पूजा की जाती है। ओकिनोशिमा में 17वीं शताब्दी में जहाजों की सुरक्षा के लिए पूजा की जाती थी यहां के नियम इतने कड़े हैं कि यहां हर साल 27 मई को 200 पुरुषों को इस पवित्र स्थल पर जाने दिया जाता है। यहां वे 1904-05 के बीच हुए रूसी-जापानी युद्ध के समय समुद्री लड़ाई में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते है यहां आने वाले लोगों को इस दौरे के बारे में भी किसी को कुछ बताने की भी इजाजत नहीं होती है।
जापान के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में स्थित ये टापू 700 वर्ग मीटर में फैला है। यह टापू चौथी से लेकर नौवीं शताब्दी तक कोरियाई प्रायद्वीप और चीन के बीच व्यापार का केंद्र हुआ करता था। रविवार को पोलैंड में हुई यूनाइटेड नेशंस के संगठन यूनेस्को की सालाना बैठक में इस टापू को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है। इस टापू पर महिलाओं को न आने देने के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है कुछ लोगों का मानना है कि पीरियड्स के कारण महिलाओं को यहां नहीं आने दिया जाता क्योंकि उस दौरान वे अशुद्ध मानी जातीं है कुछ लोगों का मानना ये भी है कि समुद्र की यात्रा खतरनाक होती थी और पुरुष अपने बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाओं की जान खतरे में नहीं डालना चाहते थे इसी कारण महिलाओं को यहां प्रवेश न देना एक रिवाज बन गया।