मुंबई। जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की बरसी से पहले विवादित बयान दिया है कि अगर वे सत्ता में होते तो बुरहान वानी को जिंदा रखते। सैफुद्दीन ने आगे कहा कि अगर हिज्बुल आतंकी बुरहान जिंदा होता तो वह उससे बात करते।
सैफुद्दीन ने कहा, अगर मैं सत्ता में होता तो बुरहान वानी को मरने नहीं देता। मैं उनसे संवाद स्थापित करना चाहता था। मैं उन्हें समझाने की कोशिश करता कि पाकिस्तान, कश्मीर और भारत के बीच दोस्ती का पुल बनाया जा सकता है और इस काम में वह मददगार साबित हो सकते हैं। लेकिन वह मर चुके हैं, हमें कश्मीरियों के दर्द को समझना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस आतंकवादी को पिछले वर्ष 8 जुलाई को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में मार दिया था, जिसके बाद कश्मीर में घाटी में कई महीनों तक हिंसा होती रहीv
सोज के बयान से कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आरपीएन सिंह कहा कि बुरहान वानी एक आतंकी था और उसने कई निर्दोष लोगों की जान ली थी, इसलिए उसका यह हश्र होना ही था। उन्होंने कहा कि बुरहान ने जो अपराध किया था, सुरक्षा बलों ने उसकी सही सजा उसे दी थी। सैफुद्दीन सोज के बयान पर सिंह ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कांग्रेस को इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है।
घाटी में आतंकी बुरहान की बरसी पर अलर्ट
हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की शनिवार को बरसी है। ऐसे में घाटी में किसी भी खतरे से निपटने के लिए पुलिस और आर्म्ड फोर्सेस को अलर्ट किया गया है। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में 21000 अतिरिक्त जवान लगाए गए हैं। गुरुवार रात को यहां इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई, हालांकि सुबह इसे बहाल कर दिया गया। राज्य के आईजीपी का कहना है कि जरूरी हुआ तो इंटरनेट को आगे भी बंद किया जा सकता है। राज्य सरकार ने घाटी के स्कूल-कॉलेजों में 6 जुलाई से 10 दिन की गर्मी की छुट्टी कर दी है। अलगाववादी नेताओं पर सरकार की कड़ी नजर है।