नई दिल्ली। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नए सेना प्रमुख के रूप में नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस और वाम दलों ने सरकार द्वारा दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की वरिष्ठता को दरकिनार कर रावत को चुने जाने को लेकर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि हर संस्था की अपनी मर्यादा होती है और वरिष्ठता का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा, हम नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की काबिलियत पर उंगली नहीं उठा रहे लेकिन सवाल उठता है कि आखिर क्यों वरिष्ठ अधिकारियों को छोड़कर वरियता क्रम में चौथे स्थान वाले अधिकारी को सेना प्रमुख नामित किया गया।
सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेना, सीवीसी एवं अन्य उच्च पदों पर हुई नियुक्तियों को लेकर विवाद हो रहा है। डी राजा ने कहा, 'सेना पूरे देश की है, सरकार को जवाब देना चाहिए कि आखिर कैसे ये नियुक्तियां की गईं। इन नियुक्तियों पर देश को भरोसे में लिया जाना चाहिए।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा नए सेना प्रमुख की नियुक्ति पर सवाल करना देशभक्ति नहीं है। पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ऐसी टिप्पणियों से सेना के मनोबल को ठेस पहुंचेगी। राव ने कहा, सेना को राजनीति में घसीटने की कोशिशों की हम आलोचना करते हैं। ये टिप्पणियां कुछ ऐसी हैं कि कोई भी देशभक्त राजनीतिज्ञ नहीं करना चाहेगा। सीमा पार से जारी आतंकवाद, पश्चिम से जारी छद्म युद्ध और पूर्वोत्तर की स्थिति को देखते हुए लेफ्टिनेंट जनरल रावत को सबसे उपयुक्त पाया गया।
बिपिन रावत से जुड़ी अन्य बड़ी बातें
- मूल रुप से उत्तराखंड के रहने वाले बिपिन रावत ने 1978 में आर्मी ज्वाइन की थी, तब वे 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में थे। जनवरी 1979 में आर्मी में मिजोरम में पहली नियुक्ति पाई।
- बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंनसर्जेंसी ऑपरेशंस यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है। उन्हें कश्मीर का भी एक्सपर्ट माना जाता है।
- बिपिन रावत मीडिया-स्ट्रटेजी में डॉक्टरेट हैं. उन्होंने 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिलिट्री मीडिया स्टडीज में पीएचडी की डिग्री ली।
- वह चाइनीज बॉर्डर पर कर्नल के तौर पर इंफेंट्री बटालियन की कमान भी संभाल चुके हैं।
- उन्हें इंडियन मिलिट्री एकेडमी में स्वार्ड ऑफ ऑनर से नवाजा जा चुका है।
- वह कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई कर चुके हैं।
- बिपिन रावत ने 1 सितंबर 2016 को आर्मी के वाइस चीफ का पद संभाला। अब 31 दिसंबर 2016 को आर्मी चीफ की जिम्मेदारी संभालेंगे।