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समुद्र में उतरा सबसे बड़ा जहाज मोरमुगाओ, अब दुश्‍मनाें की खैैर नहीं, 300 km तक करेगा वार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 17 2016 7:14PM | Updated Date: Sep 17 2016 7:14PM
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मुंबई। मुंबई में इंडियन नेवी ने देश के सबसे विकसित और एडवांस जंगी जहाज 'मोरमुगाओ' को समुद्र में उतार दिया है। यह भारतीय नौसेना में शामिल होने वाला अब तक का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत है। इस जहाज से 300 किलोमीटर दूर मौजूद टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है। जहाज के जलावतरण से पहले आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडमिरल लांबा ने कहा, चूंकि यह जहाज पूरी तरह स्वदेशी है इसलिए यह देश के ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को आगे बढ़ाता है। इसके अनुबंध के लिए जनवरी 2011 में हस्ताक्षर हुए।  
 
विशाखापट्नम' को पिछले साल अप्रैल में जलावतरण किया गया था। मोरमुगाओ तकनीकी तौर पर भारत का अब तक का सबसे एडवांस युद्धपोत है। भारत सरकार ने 2011 में प्रोजेक्ट 15-बी शुरू किया था, जिसके तहत अत्याधुनिक उपकरणों से लैस चार जंगी जहाज तैयार किए जाने थे। हालांकि मोरमुगाओ को नौसेना में सक्रिय रूप से शामिल होने में दो साल लगेंगे। दो सालों तक मोरमुगाओ का समुद्र में ट्रायल किया जाएगा।
 
आधुनिक हथियारों से लैस
युद्धपोत सेंसर्स के साथ अत्याधुनिक तकनीकी और हथियारों से लैस है। 70 किलोमीटर दूर तक दुश्‍मन के‍ विमानों और मिसाइलों को टोह ले लेगा जहाज। यह 127 मिलीमीटर गन से लैस है, इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। साथ ही इस पर दो आरबीयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं और इसका सोनार सिस्टम अलग और अत्याधुनिक है। खासियत यह कि बेहद खराब मौसम के दौरान भी इस पर नौसेना के हेलिकॉप्टर आसानी से लैंड कर सकेंगे। 

212 जहाज शामिल करने का नौसेना का लक्ष्य
इस परियोजना की कुल लागत 29 हजार 700 करोड़ है। मोरमुगाओ इसी श्रेणी का दूसरा जहाज है। सरकार इस परियोजना के जरिए स्वदेशीकरण के 68 फीसदी टारगेट को भी छूना चाहती है। इसके अलावा सरकार ने प्रथम स्वदेशी विमान वाहक पोत के लिए साल 2018 का लक्ष्य रखा है। भविष्य में सरकार की इन योजनाओं के तहत देश में पूर्ण रूप से निर्मित जंगी जहाजों को तैयार करने की योजना है। नौसेना का लक्ष्य 2027 तक अपने बेड़े में 212 जहाज करने का है। 
 
इस जहाज नाम बंदरगाह पर रखा
गौरतलब है कि देश के सबसे शक्तिशाली इस जंगी जहाज 'मोरमुगाओ का नाम महाराष्ट्र में गोवा स्थित एक सबसे पुराने बंदरगाह पर रखा गया है। साथ ही इस पर पुर्तगालियों ने गोवा में एक किला व बाइसन भी बनाया था। किले पर बनी लोगों की फोटो यह बयां करती है कि यह 'मोरमुगाओझ् जहाज भी किले की तरह ही है, जिसे भेद पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुम्किन है। विदित हो कि बीजेपी सरकार के मौजूदा रंक्षी मंत्री मनोहर पार्रीकर का पैत्रक गांव भी गोवा ही है। 
 
मोरमुगाओ का वजन 7400 टन
मोरमुगाओ का वजन 7400 टन है और इसकी लंबाई 163 मीटर है। साथ ही इसमें चार अत्यंत शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं, जो युद्धपोत को 30 नॉटिकल मील (56 किमी. प्रति घंटा) तक की रफ्तार देते हैं। इस श्रेणी के युद्धपोत को दुश्मन के राडार बहुत मुश्किल से पकड़ पाते हैं। इस युद्धपोत पर 50 नौसेना अधिकारी और 250 नाविक तैनात होंगे। ये समुद्र में एक बार उतरने के बाद 4000 नॉटिकल मील (7500 किमी.) तक काम करेगा। 
 
मोरमुगाओ की रफ्तार 3,400 किमी प्रति घंटा
मोरमुगाओ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से भी लैस होगा। ब्रह्मोस से जमीन के अलावा समुद्र में 300 किमी दूर तक किसी लक्ष्य पर निशाना साधा जा सकता है। ब्रह्मोस की स्पीड 2.8 मैक है, जो कि दुनिया की तेज स्पीड वाली मिसाइल है। सुपरसोनिक गति पर ब्रह्मोस 3,400 किमी प्रति घंटा और 1 किमी प्रति सेकेंड की रफ्तार से उड़ती है।
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