नई दिल्ली। घर से अगवा होने के बाद सालों तक आईएस की घोर यातनाएं सहने को मजबूर हुईं नादिया मुराद ने जो दर्द बयान किया है वह रूह कंपाने वाला है। कुख्यात आतंकी संगठन आईएस की सेक्स स्लेव रहीं नादिया मुराद ने संयुक्त राष्ट्र की सद्भावना दूत बनने के बाद पहली बार अपना दर्द बयान किया है।
नादिया मुराद का अभी जर्मनी के एक शरणार्थी कैंप में उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने अपने साथ हुए घोर अत्याचार का दर्द बयान करते हुए कहा है कि सेक्स स्लेव रहने के दौरान उनका कितनी बार रेप हुआ इसकी गिनती करना संभव नहीं है। वह जिस हालत में वक्त गुजार चुकीं हैं उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। उनका जब बार-बार रेप होता तो खुद को दुनिया से अलग मानती और इस अत्याचार के सामने हार मान ली थी।
नादिया 2015 में सुर्खियों में आई थी
नादिया साल 2015 में उस समय सुर्खियों में आई थी जब उसने अपने ऊपर हुए जुल्म की रौंगटे खड़े करने वाली कहानी सुनाई थी। नादिया को वर्ष 2014 में ईराक के एक गांव से आईएस आतंकियों ने अगवा कर लिया था। उसके साथ कई अन्य महिलाओं और लड़कियों को भी आतंकियों ने अपनी हवस पूरा करने के लिए अगवा किया था। नादिया तब 19 वर्ष की थी। नादिया ने यूएन में बताया कि उसके ही सामने उसके पूरे परिवार को आतंकियों ने एक एक कर गोलियोंं से भून डाला था। बाद में आतंकी उसको मोसुल ले आए और उसके साथ लगातार तीन माह तक आतंकियों ने बारी-बारी से रेप किया। उनकी बात न मानने पर आतंकी उसको कठोर सजा दी जाती थी।
भागने की कोशिश की तो गार्ड ने पकड़ा
नादिया ने बताया था अगवा होने के कुछ दिन बाद एक रात मेरे पास एक शख्स आया और उसने जबरन मेरे कपड़े उतरवाए और जब मैंने भागने की कोशिश की तो गार्ड ने मुझे पकड़ लिया। इसके बाद उसने मुझे दबोच लिया और कुछ गाड्र्स के साथ एक कमरे में ले गया। वहां मेरे साथ तब तक अपराध हुआ जब तक मैं बेहोश नहीं हो गई। ये मेरे लिए बेहद डरावनी रात थी क्योंकि उसके बाद वो हर दिन मुझे बेआबरु करने लगा।