नई दिल्ली। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए भारत और अफगानिस्तान ने आतंकवादियों के लिए सभी तरह का समर्थन, प्रायोजन और सुरक्षित पनाहगाह को खत्म करने का आह्वान किया और सुरक्षा तथा रक्षा सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया। और दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा के बाद इस साझा रणनीति को धार देने पर सहमति बनी।
पाक को आतंकवाद पर घेराबंदी की तैयारी
आतंकवाद पर नई दिल्ली और काबुल की साझा रणनीति को सितंबर के अंत में होने वाली बैठक से और धार मिलेगी। न्यूयॉर्क में भारत-अमेरिका-अफगानिस्तान के बीच त्रिस्तरीय वार्ता होगी। इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर अमेरिका के सख्त होते रुख से भी जोड़कर देखा जा रहा है। अमेरिका ने एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री रोकने के साथ पाक को आतंकवाद के खिलाफ अभियान के लिए 30 करोड़ डॉलर की सालाना मदद भी रोक दी है।
67 अरब रुपए देगा भारत
हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने अफगानिस्तान को करीब 67 अरब रुपये की मदद का ऐलान किया। उन्होंने एकीकृत, संप्रभु, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए भारत के स्थायी समर्थन को दोहराते हुए मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, उर्जा, आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए आगे जरूरतों पर देश के तैयार रहने के बारे में अवगत कराया।
अफगान में नहीं छिपेेगा कोई भी भारतीय अपराधी
दोनों देशों ने प्रत्यर्पण समझौता भी किया है। इसके तहत एक-दूसरे के देशों में छिपे वांछित अपराधियों या आतंकियों का प्रत्यर्पण किया जा सकेगा। नागरिक और वाणिज्यिक मामलों में सहयोग के साथ बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए।