नई दिल्ली। रेलवे ने जो फ्लेक्सी किराया सिस्टम लागू किया है, उसके अनुसार, पहले 10 फीसदी सीटों के अलावा ट्रेन की बाकी सीटों की बुकिंग के लिए अब पैसेंजर्स को डेढ़ गुना से ज्यादा किराया देना पड़ेगा।
इंडियन रेलवे के सूत्रों का कहना है कि यह नया सिस्टम 9 सितंबर से लागू हो जाएगा। राजधानी और दुरंतो ट्रेनों के लिए 10 फीसदी का अनुपात रखा गया है। इस आदेश के मुताबिक इन ट्रेनों की सभी श्रेणी के पैसेंजर्स को पहली 10 फीसदी सीटों के लिए तो बेस फेयर यानी अभी जितना किराया है, उतना ही देना होगा। लेकिन, 10 फीसदी सीटें बढ़ते ही अगली 10 फीसदी सीटों पर किराए में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी।
क्या है पूरा नियम
इस सिस्टम के आने से पहली 10 फीसदी सीटों के अलावा ट्रेन की बाकी सीटों की बुकिंग के लिए अब यात्रियों को 100 फीसदी तक ज्यादा किराया देना पड़ सकता है। दूसरी 10 फीसदी सीटें भरने के बाद तीसरी 10 फीसदी सीटों पर फिर से 10 फीसदी किराया बढ़ जाएगा। इस तरह से 50 फीसदी सीटें भरने के बाद आखिरी 50 फीसदी सीटों के लिए यात्रियों को 50 फीसदी ज्यादा किराया देना होगा। इस तरह इस क्लास के पैसेंजर्स को आखिरी 10 फीसदी सीटों के लिए करीबन दोगुना किराया देना पड़ेगा। चूंकि ये सिस्टम 9 सितंबर से लागू हो रहा है तो जिनके पहले से टिकट बुक हैं उनसे बढ़ा हुआ किराया सफर के दौरान वसूला जाएगा और बढ़े हुए किराए के बेस पर एक्स्ट्रा टैक्स भी देना पड़ेगा।
एयरलाइंस की तरह हो जाएगा सिस्टम
जाहिर है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के तहत इन प्रीमियम ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी की नई व्यवस्था लागू होने के बाद एक तरह से एयरलाइंस के किरायों की तरह ट्रेन के किराए भी बढ़ते जाएंगे। नए फ्लेक्सी बेस फेयर नियमों के मुताबिक आखिरी 10 फीसदी टिकट की बुकिंग करने वाले लोगों को मूल राशि (बेस फेयर) का अधिकतम 1.5 गुना तक किराया देना पड़ सकता है। हालांकि डेढ़ गुना किराया बढ़ने के बाद किराए और नहीं बढ़ेंगे। जैसा एयरलाइंस में होता है कि अगर आप यात्रा से कई महीनों पहले टिकट बुक कराते हैं तो आपको सस्ते टिकट मिल जाते हैं लेकिन अगर यात्रा करने के बिल्कुल पहले आप टिकट बुक कराएं तो आपको भारी किराए देकर बुकिंग करानी पड़ती है।