नई दिल्ली। कश्मीर मसले को लेकर शुक्रवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न हिस्सा है। कश्मीर मसला बिना पीओके के लोगों को शामिल किए हल नहीं किया जा सकता। पीएम ने यह भी कहा कि पीओके के वो लोग जो दूसरी जगह रह रहे हैं, उन्हें भी वार्ता में शामिल किया जाना जरूरी है।
सबसे अधिक गरीब प्रभावित
पीएम ने बैठक में कहा, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई घटनाओं से हर भारतीय की तरह मुझे भी गहरा दुख पहुंचा है। मुझे यह देखकर दुख होता है कि बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, सेब का उत्पादन मंडियों तक पहुंच नहीं पा रहा, दुकानदारों की दैनिक आमदनी नहीं हो रही और सरकारी कार्यालय लोकहित के कार्य नहीं कर पा रहे। इस स्थिति से सबसे अधिक गरीब प्रभावित है।
विपक्ष ने रखी अपनी बात
बैठक में विपक्ष ने कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए विश्वास बहाली के कदम उठाने की मांग की। साथ ही पैलेट गन के इस्तेमाल को बंद करने पर बात हुई। इसके अलावा नागरिक इलाकों से आफ्स्पा को समाप्त करने और सभी संबंधित पक्षों जिसमें अलगाववादी भी शामिल हैं, से वार्ता करने की भी मांग विपक्ष ने उठाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी जल्द घाटी में शांति स्थापित करना चाहते हैं ताकि लोग सामान्य जीवन जी सकें।
अपने नागरिकों पर बम बरसाता है पाकिस्तान
पाकिस्तान भूल जाता है कि वह अपने देश के नागरिकों पर लड़ाकू विमान से बम बरसाता है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को विश्व के सामने बलूचिस्तान में और पाक-अधिकृत कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों का जवाब देना होगा। हम लोगों के बुनियादी अधिकारों के लिए पूर्णतः कटिबद्ध हैं. आतंकवाद के विरुद्ध भी, हमारे क़ानून जितने मानवीय हैं, उतने विश्व के और किसी लोकतंत्र में नहीं हैं. हमारी सरकारों और हमारे सुरक्षा बलों ने इन घटनाओं से निपटने में संयम दर्शाया है।
80 हजार करोड़ का विकास पैकेज
जम्मू एवं कश्मीर के सर्वांगीण विकास के लिए पिछले दिनों ही राज्य सरकार की राय से 80 हजार करोड़ से ऊपर के एक विकास पैकेज पर फैसला लिया गया है। इस पैकेज के अंतर्गत केवल सड़क और बिजली के प्रोजेक्ट ही नहीं बल्कि जम्मू एवं कश्मीर के हर क्षेत्र व हर वर्ग के संपूर्ण विकास का ध्यान रखा गया है। बच्चों को अच्छी शिक्षा की सुविधा, युवाओं को रोजगार, चिकित्सा के लिए आधुनिक सुविधाएं, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं, राज्य में फलों के उत्पादन के लिए विशेष सुविधा आदि शामिल हैं।
जम्मू में पुनः सामान्य जीवन स्थापित कराएंगे
- कश्मीर में अब तक जो मुख्य कदम एवं हमारी नीति रही है उसे मैं एक बार पुनः दोहराना चाहूंगा।
- क़ानून व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखना किसी भी सरकार का दायित्व होता है. आतंक की कार्यवाही से समझौता नहीं होगा।
- आज के युग में लोकतांत्रिक परम्परा के अनुकूल ही सिविल सोसाइटी को नागरिक गतिविधियों से जोड़ते हुए, प्रोत्साहित किया जाएगा।
- हम लोकतंत्र की परम्परा के अनुकूल ही राजनीतिक प्रक्रिया को आदरपूर्वक और बढ़ाएंगे।
- कश्मीर के नवयुवकों को भी राज्य की सक्रिय आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने की व्यवस्था में तेज़ी लाएंगे।
कश्मीर में अशांति की जड़ क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म है, जिसको मुख्यतः पड़ोसी देश से प्रोत्साहन मिलता है। आतंकवाद के कारण कश्मीर में आम जन जीवन प्रभावित है। कश्मीर में जब से आतंकवाद 1989-1990 से प्रारंभ हुआ, तब से अब तक सुरक्षाकर्मियों की कार्यवाही में।
- 34 हजार से ऊपर AK 47 राईफल बरामद हुए।
- 5 हजार से ऊपर ग्रेनेड लॉन्चर बरामद हुए।
- करीब 90 लाइट मशीन गन्स बरामद हुई।
- 12 हजार से ऊपर पिस्तौल और रिवॉल्वर बरामद हुए।
- 3 एंटी टैंक, और 4 एंटी एयर क्राफ्ट गन्स बरामद हुए।
- 350 से अधिक मिसाइल लॉन्चर बरामद हुए।
- आरडीएक्स समेत 63 हजार किलो विस्फोटक, एक लाख से अधिक ग्रेनेड आदि बरामद हुए हैं।
- इस अवधि में 5 हजार से अधिक विदेशी आतंकवादी, जो कि 5 बटालियन के बराबर हैं, मारे गए हैं।
मैं इस बात पर पुनः बल देना चाहूंगा कि आतंकवाद और विध्वंस का जवाब हम सभी राजनीतिक दलों एवं देशवासियों को मिलकर देना होगा। आज जब आतंकवाद पूरे विश्व में बढ़ रहा है, ऐसे समय में हम जब पड़ोसी देश से शह पाए हुए आतंकवाद से घिरे हुए हैं, हमें इस लड़ाई के खिलाफ एक जुट होकर लड़ना होगा। सरकार की सभी राजनीतिक दलों से इस विषय पर रचनात्मक सहयोग की अपेक्षा है। सभी राजनीतिक दलों को अपने मतभेदों को इस विषय पर भुलाकर राज्य में शांति-व्यवस्था और खुशहाली कायम करने में सहयोग करना होगा।