ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष की नेता खालिदा जिया को राहत प्रदान करते हुए एक अदालत ने उन्हें राजद्रोह समेत नौ मामलों में जमानत दे दी।
सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने मुक्तिसंग्राम के शहीदों के विरूद्ध टिप्पणी को लेकर उनके विरूद्ध राजद्रोह का मामला दर्ज कराया था। पिछले साल 21 दिसंबर को एक परिचर्चा के दौरान 70 वर्षीय जिया ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए मुक्ति संग्राम में हताहतों की संख्या को लेकर संदेह प्रकट किया था।
जिया की बीएनपी कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी की अहम सहयोगी है जो पाकिस्तान से बांग्लादेश की मुक्ति के विरूद्ध थी। सत्तारूढ़ आवामी लीग, 1971 के मुक्ति संग्राम के सेनानियों और शहीद परिवारों के सदस्यों ने जिया के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और कुछ ने तो उन्हें पाकिस्तान का एजेंट भी बताया था।
अदालत ने आठ आगजनी मामलों में भी जिया को जमानत दी थी। जिया और उनकी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के 27 नेताओं एवं पदाधिकारियों पर सरकार के खिलाफ अभियान के दौरान ढाका में आग लगने वाले बम फेंकने की साजिश रचने का आरोप है। जब जिया ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए बाध्य करने और नये चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने की कोशिश के तहत राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया, तब ये हमले हुए थे।