नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। रावत ने उत्तराखंड में भारी बरसात, बादल फटने और भूस्खलन से हुई व्यापक क्षति की प्रधानमंत्री को जानकारी दी। रावत ने मोदी से राहत कार्यों के लिए 500 करोड़ की तत्काल सहायता देने का अनुरोध किया है।
चारधाम जाएंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर या अक्तूबर में चारधाम क्षेत्रों का दौरा करने उत्तराखंड जाएंगे। मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा चारधाम यात्रा के लिए आमंत्रित करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चारधाम राजमार्ग के सुदृढ़ीकरण के लिए वह बरसात के बाद कार्यक्रम बनाएंगे।
1000 करोड़ रू. का हुआ नुकसान
रावत ने मोदी को बताया कि बारिश से वर्तमान सीजन में प्रारम्भिक आकलन के अनुसार लगभग 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सितम्बर माह के अंत तक यह नुकसान 1500 करोड़ रुपए तक हो सकता है। सीमित संसाधनों के कारण क्षति की यह राशि राज्य की क्षमता से बाहर है। क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुनर्निर्माण व संवेदनशील क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लाने में केंद्र सरकार का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने केंद्र से 500 करोड़ रुपए की तत्काल सहायता दिए जाने का आग्रह किया।
संसाधन उपलब्ध कराए भारत सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आपदा की दृष्टि से 370 से अधिक संवेदनशील गांव हैं जो कि लैंड स्लाइड जोन में स्थित हैं। इन संवेदनशील गांवों का सुरक्षित क्षेत्रों में पुनर्वास करने के लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि की जरूरत होगी। एक छोटा पर्वतीय प्रदेश होने के कारण उत्तराखंड के सीमित संसाधन हैं। इसलिए भारत सरकार को संसाधन उपलब्ध करवाने होंगे।
ये राज्य हुए ज्यादा क्षति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में मौसम संबंधी बदलावों के कारण उत्तराखण्ड में भारी बरसात, बादल फटने, भूस्खलन की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष भी भारी बरसात के कारण राज्य में विशेष तौर पर टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी व चमोली में मानव क्षति के साथ ही सम्पत्ति व इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत नुकसान हुआ है।
एनडीआरएफ ने बचाई कई अमूल्य जानें
एनडीआरएफ के सक्रिय सहयोग से राज्य सरकार ने सामान्य स्थिति बहाल करते हुए प्रोएक्टिव उपायों से बहुत सी अमूल्य जानें बचाई हैं। परंतु भारी बरसात का प्रभाव क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है और सड़क, बिजली, पेयजल आपूर्ति, कृषि, वन व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बहुत नुकसान हुआ है।