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मशहूर कवि और पत्रकार नीलाभ अश्क का निधन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 23 2016 7:41PM | Updated Date: Jul 23 2016 7:41PM
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नई दिल्ली। मशहूर कवि और पत्रकार नीलाभ अश्क का शनिवार सुबह दिल्ली स्थित आवास पर निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। शनिवार दोपहर बाद दिल्ली के निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
   

वर्ष 1980 में बीबीसी की विदेश प्रसारण सेवा की हिन्दी सर्विस में बतौर प्रोड्यूसर लंदन चले गये और वहां चार वर्ष तक काम किया। इसके अलावा उन्होंने शेक्सपीयर, ब्रेख्त और लोर्का के कई नाटकों का काव्यात्मक अनुवाद किया। नीलाभ ने लेर्मोन्तोव के उपन्यास ‘हमारे युग का एक नायक’ का भी अुनवाद किया। उन्होंने विलियम शेक्सपीयर के चर्चित नाटक ‘किंग लियर’ का अनुवाद ‘पगला राजा’’ शीर्षक से किया था।
हिन्दी के मशहूर लेखक उपेन्द्रनाथ अश्क के पुत्र नीलाभ ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका ‘नटरंग’ का संपादन भी किया। इस समय वह अपने संस्मरणों पर आधारित ब्लॉग ‘नीलाभ का मोर्चा’ लिख रहे थे।

16 अगस्त 1945 को मुंबई में जन्मे नीलाभ ने इलाहाबाद में शिक्षा हासिल करने वाले साहित्य का एक लंबा रास्ता तय किया। उनकी मशहूर काव्य कृतियों में ‘अपने आप से लंबी बातचीत’, ‘जंगल खामोश है’, ‘उत्तराधिकार’, ‘चीजें उपस्थित हैं’, ‘शब्दों से नाता अटूट है’, ‘खतरा अगले मोड़ के उस तरफ है’, ‘शोक का सुख’ और ‘ईश्वर को मोक्ष’ शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने ‘हिन्दी साहित्य का मौखिक इतिहास’ नामक एक चर्चित पुस्तक लिखी। उन्होंने अरूंधति राय की बुकर पुरस्कार से सम्मानित पुस्तक ‘द गॉड आॅफ स्मॉल थिंग्स’ का अनुवाद ‘मामूली चीजों का देवता’ शीर्षक से किया था।

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