नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों ने सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया है।
इस सत्र में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिलती नजर आ रही है। बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस ‘जन समर्थक, विकास समर्थक’ किसी भी विधेयक का समर्थन करेगी।
वहीं विपक्ष उसके शासित राज्यों में अस्थिरता की कथित कोशिशों और कश्मीर में अशांति को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने का प्रयास करेगा लेकिन जीएसटी विधेयक जैसे कदमों पर उसका समर्थन भी करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को राष्ट्रीय महत्व का बताया है। केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) बिल पास कराने की संभावना को लेकर आशावादी रुख अपनाए हुए है। संसद के मानसून सत्र का आगाज कल से होने जा रहा है।
सभी मसलों से ऊपर रखें राष्ट्रीय हित
बैठक में मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय हितों को हमें बाकी तमाम मसलों के ऊपर रखना होगा। क्योंकि हम सब न सिर्फ अपनी पार्टी के बल्कि जनता के भी प्रतिनिधि हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहित तमाम जरूरी बिल को मानसून सत्र में लाया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिल को लेकर सदन में बेहतर और स्तरीय बहस होगी।
मोदी सभी दलों को कहा- शुक्रिया
बैठक में बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के घटनाक्रम पर एक सुर में बोलने को लेकर सभी दलों को धन्यवाद दिया।
जेटली ने की विपक्ष के नेताओं से बातचीत
वित्त मंत्री अरुण जेटली की गुरुवार को कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद से सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी बिल इस सत्र में पास हो जाएगा। बता दें कि जीएसटी बिल लोकसभा से पास हो चुका है लेकिन अब तक कांग्रेस के कड़े विरोध के चलते यह राज्यसभा में अटका हुआ है।
दोनों सदन में उठेगा अरुणाचल का मुद्दा
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस दोनों सदनों में अरूणाचल प्रदेश सरकार के बारे में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। इस फैसले के तहत कोर्ट ने 15 दिसंबर 2015 की कांग्रेस सरकार को बहाल किया है।
सरकार ने तैयार किए 16 विधेयक
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि सरकार ने इस सत्र में पारित कराने के लिए 16 विधेयक तैयार कर रखे हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी हमलों की बढ़ती घटनाएं और देश पर उसके प्रभाव, विदेश नीति, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बाढ़ की स्थिति उन मुद्दों में शामिल हैं जिन पर संसद में चर्चा होगी।