मेलबर्न। आॅस्ट्रेलिया में कांटे की चुनावी टक्कर में मतदाताओं का झुकाव प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल के सत्तारूढ़ गठबंधन से हट जाने के बाद अब वहां त्रिशंकु संसद बनने की संभावना बढ़ती दिख रही है जिससे टर्नबुल निर्दलीय सांसदों और छोटी पार्टियों से मदद लेने के लिए बाध्य हो सकते हैं।
कल मतदाताओं ने 55 राजनीतिक दलों के 1600 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करने के लिए अपने मत डाले। भारतीय मूल के पांच उम्मीदवार भी इस चुनावी जंग में उतरे हैं। मतगणना में सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ 2.8 प्रतिशत झुकाव है और उसके 10 से ज्यादा सांसद चुनाव हार रहे हैं।
चुनाव पूर्व, डाक और अनुपस्थित मतों की गिनती मंगलवार को होगी। 150 सदस्यों के निचले सदन में 12 सीटों पर तस्वीर साफ नहीं है। आस्ट्रेलियन इलेक्टोरल कमिशन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विपक्षी लेबर पार्टी को 71 सीटें मिली हैं जबकि सत्तारूढ़ लिबरल-नेशनल कोअलिशन को 67 सीटें मिल रही हैं। निवर्तमान संसद में सत्तारूढ़ गठबंधन को 90 सीटें थी। निर्दलीय और छोटी पार्टियों को इस चुनाव में बहुत फायदा हुआ है।
भावी आॅस्ट्रेलियाई सरकार की तस्वीर 11 सीटों से तय होगी। इनमें से छह में लेबर पार्टी आगे चल रही है। इस चुनाव में 45वीं संसद के लिए 226 सांसद चुने जा रहे हैं जिसमें निचले सदन के लिए 150 सदस्य शामिल हैं।