नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने 14 साल पुराने एक मामले में बलात्कार पीड़िता की हैंडराइटिंग के और नमूने मांगे थे। अदालत ने कहा कि महिला के सिर्फ यह लिखने से कि बाबाजी, आई लव यू का मतलब यह नहीं कि वह उपलब्ध है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने कहा कि पीड़िता ने कथित तौर पर जो पत्र लिखा उसका भावार्थ और भाषा कहीं से भी सहमति नहीं दिखाती है।
डेरा प्रमुख की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत भूषण ने कहा कि यह पत्र अहम साक्ष्य है और यह आरोपों के साथ असंगत है। उन्होंने कहा कि सीएफएसएल चंडीगढ़ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और हैंडराइटिंग नमूनों की आवश्यकता है। भूषण ने कहा, कथित घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। अधिक हैंडराइटिंग नमूने मेरे बचाव में मदद करेंगे।
सीबीआई अदालत जल्द सुना सकती है फैसला
एक महिला ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था. डेरा प्रमुख इस मामले में जमानत पर जेल से बाहर हैं। वहीं दूसरी ओर पंचकुला की सीबीआई अदालत में लगातार मामले की सुनवाई चल रही है। और अब इस मामले में अदालत जल्द ही अपना फैसला सुना सकती है।
हाई कोर्ट ने की थी सीबीआई से जांच की सिफारिश
गौरतलब है कि ये मामला साल 1999 में आया था और 2002 में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद सीबीआई ने जांच में आरोपों को सही पाया और डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष 31 जुलाई, 2007 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।