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यूरोपीय यूनियन से अलग हुआ ब्रिटेन, पीएम कैमरन ने की इस्तीफे की घोषणा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 24 2016 8:00PM | Updated Date: Jun 24 2016 8:00PM
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लंदन। ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन शुक्रवार को चार दशक से अधिक पुराने रिश्ते को तोड़ते हुए यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया। 28 देशों के संगठन ईयू से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) के पक्ष में 51.9 फीसदी और बने रहने के पक्ष में 48.1 लोगों ने मतदान किया। जनमत संग्रह में हार के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। कैमरन ईयू के साथ रहने के पक्ष में थे।

कैमरन ने कहा, 'मैं अभी तीन महीने तक पीएम पद पर बना रहूंगा। इसके बाद पार्टी कॉन्फ्रेंस में पीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा।' कैमरने की कुर्सी पर खतरे को लेकर खबरों का ब्रिटिश विदेश मंत्री ने खंडन किया था। उन्होंने कहा कि कैमरन प्रधानमंत्री बने रहेंगे। दूसरी ओर, नतीजों के बाबत पाउंड 31 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, वहीं भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स में भी 1004 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

दो अक्टूबर से शुरू होगी कॉन्फ्रेंस
कैमरन ने कहा कि ईयू से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले के बाद वह पद छोड़ने का फैसला कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर से शुरू हो रही कंजर्वेटिव पार्टी की कॉन्फ्रेंस में वह पद से इस्तीफा देंगे और इसके बाद नए प्रधानमंत्री पद संभालेंगे।

बाजार में कोहराम
ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने से दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम बमच गया। इसके दबाव में बीएसई और एनएसई के सूचकांक दो फीसदी से अधिक नीचे गिरे। इससे निवेशकों को पौने दो लाख करोड़ रुपये की चपत लगी। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोड़ने के फैसले से बाजार में भारी अनिश्चितता पैदा हो गई है।

डेविड कैमरन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री
जनता की इच्छा का सम्मान होना चाहिए और उनके निर्देश पर अमल होना चाहिए। इसका कप्तान बने रहना ठीक नहीं होगा। अब देश आगे ले जाने के लिए नए नेतृत्व की जरूरत होगी।

अरुण जेटली, वित्त मंत्री
भारत ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने के परिणामों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हमारे पास विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में निकट भविष्य और मध्यम अवधि के लिए ठोस सुरक्षा दीवार है।

कैमरन ईयू में बने रहने के पक्ष में
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पत्नी सामंता के साथ वोट डालने के बाद ब्रिमेन (ब्रिटेन का ईयू में बने रहना) के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए ईयू में बने रहने के पक्ष में मतदान करें।

क्‍यों उठी ईयू से ब्रिटेन के अलग होने की मांग?
साल 2008 में ग्रेट ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ गई। देश में बेरोजगारी बढ़ गई। इसकी वजह से एक बहस ने जन्म लिया कि क्या ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाना चाहिए? इस मांग को 2015 में ब्रिटेन में हुए आम चुनावों में यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी (यूकेआईपी) ने उठाया।

भारत पर होगा ये असर
- अगर ब्रिटेन EU से बाहर हुआ तो पाउंड में गिरावट संभव
-  पाउंड के गिरने से डॉलर की बढ़ेगी मांग
-  डॉलर का मूल्य बढ़ने से आयात होगा महंगा
-  कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीज़ल का दाम बढ़ेगा

आशंका
- पाउंड के कमजोर और डॉलर की मजबूती से रुपया कमजोर होगा
- कच्चा तेल खरीदने की लागत बढ़ेगी
- पेट्रोल डीजल महंगा हो सकता है
- 147 करोड़ डॉलर का नुकसान टाटा ग्रुप को अगले 10 साल में हो सकता है
- भारत के निर्यात में कमी आ सकती है

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