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पाक के परमाणु कार्यक्रम ने बढ़ा दिया है भारत के साथ टकराव का खतरा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 17 2016 7:52PM | Updated Date: Jun 18 2016 10:36AM
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वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद 'कांग्रेस' की स्वतंत्र शोध शाखा कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के 'फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस' परमाणु सिद्धांत और परमाणु सामग्री के उत्पादन की बढ़ती क्षमता ने भारत के साथ उसके परमाणु टकराव के जोखिम को बढ़ा दिया है। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के लिए पाकिस्तान की ओर से जुटाए जा रहे समर्थन के बीच सीआरएस ने यह रिपोर्ट दी है।

'कांग्रेस' के दोनों सदनों को नीतिगत एवं कानूनी विश्लेषण मुहैया कराने वाली सीआरएस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, 'इस्लामाबाद की ओर से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने, नए प्रकार के परमाणु हथियारों का विकास करने, और 'फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस' नाम के एक सिद्धांत को अपनाने पर कुछ पर्यवेक्षकों ने पाकिस्तान और अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे भारत के बीच परमाणु संघर्ष का जोखिम बढ़ने को लेकर चिंता जताई है।'

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास वर्तमान में 110-130 न्यूक्लियर हथियार हैं। यह रिपोर्ट परमाणु अप्रसार विश्लेषक पॉल के केर्र और अप्रसार मामलों की विशेषज्ञ मेरी बेथ निकिटिन ने तैयार किया है।

यह रिपोर्ट 14 जून को आयी है। इसके अनुसार, पाकिस्तान ने अपने परमाणु शस्त्रागार का व्यापक क्षमतावर्द्धन कार्यक्रम भारत को खुद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से रोकने के लिए तैयार किया है।

कांग्रेस' के दोनों सदनों को नीतिगत एवं कानूनी विश्लेषण मुहैया कराने वाली सीआरएस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, इस्लामाबाद की ओर से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने, नए प्रकार के परमाणु हथियारों का विकास करने, और फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस' नाम के एक सिद्धांत को अपनाने पर कुछ पर्यवेक्षकों ने पाकिस्तान और अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहे भारत के बीच परमाणु संघर्ष का जोखिम बढने को लेकर चिंता जताई है।'

सीआरएस की रिपोर्ट में खुलासा
सीआरएस ने यह रिपोर्ट न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के लिए पाकिस्तान की ओर से जुटाए जा रहे समर्थन के बीच दी है। सीआरएस अमेरिकी संसद के दोनों सदनों को नीतिगत और कानूनी विश्लेषण मुहैया कराती है।

पाकिस्तान तेजी से परणामु हथियार बढ़ाने में जुटा
रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु सामग्री के उत्पादन की बढ़ती क्षमता ने भारत के साथ उसके परमाणु टकराव के जोखिम को बढ़ा दिया है।

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