हैदराबाद। भारत में एक बार फिर पोलियो के वायरस ने दस्तक दे दी है। इससे पहले 2010 में पोलियो का वायरस पाया गया था, लेकिन इसके बाद देश में पोलियो का वायरस नहीं पाया गया था।
तेलंगाना सरकार ने छेड़ा विशेष अभियान
हैदराबाद में पोलियो वायरस मिलने के बाद तेलंगाना सरकार काफी सतर्क हो गई है और इसके खिलाफ एक स्पेशल कैम्पेन शुरू करने जा रही है। इस वायरस का पता मंगलवार को सीवेज वाटर के लैब टेस्ट के दौरान लगा था। वायरस का नाम वीडीपीवी टाइप-2 है। रेलवे स्टेशन के पास से सीवर जांच में वीडीपीवी वायरस मिला है।
कहीं भी पहुंच सकता है यह वायरस
वातावरण के माध्यम से यह वायरस कहीं भी पहुंच सकता है लिहाजा राज्य सरकार इसे लेकर पूरी तरह सतर्कता बरत रही है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव राजेश्वर तिवारी के मुताबिक तेलंगाना के अंबरपेट से लिए गए सीवेज के पानी के नमूने की जब लैब मे जांच की गई तो उसमें वैक्सीन ड्राइव्ड पोलियो वायरस-टाइप टू प्रकार का वायरस पाया गया। मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस इलाके में एक बार फिर से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए वैक्सीन दी जाएगी।
इसके अलावा जरूरत पडऩे पर इलाके में पांच वर्ष तक के सभी बच्चों के स्टूल की भी जांच की जा सकती है, ताकि वायरस के किसी भी खतरे को टाला जा सके। तेलंगाना में वायरस तब पाया गया जब वर्ष 2010 में देश से पोलियो के संपूर्ण उन्मूलन के बाद कई जगहों पर निगरानी व्यवस्था के तहत जांच की जा रही थी।
2010 के बाद मिला वायरस
राज्य सरकार ने रंगारेड्डी जिले में आगामी 20 से 26 जून तक सरकार ने पोलियो के खिलाफ विशेष अभियान छेडऩे का फैसला किया है। अभियान छह हफ्ते से तीन साल की उम्र के बच्चों के लिए चलाया जाएगा। 2010 के बाद भारत में पोलियो के वीडीपीवी आम जगहों पर नहीं मिले हैं। 2013 में ही डब्ल्यूएचओ ने भारत को पूरी तरह से पोलियो फ्री घोषित किया है।