नई दिल्ली। चुनाव आयोग के लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के सुझाव पर केंद्र सरकार ने सहमति जताई है। एक टीवी चैनल से बातचीत में संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि एक साथ चुनाव करवाने को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों से अलग-अलग बातचीत करके सहमति बनाई जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ऑल पार्टी मीटिंग बुलाकर इस मुद्दे पर बात की जाएगी। हालांकि कांग्रेस सहित कई पार्टियां इस तरह चुनाव करवाने के पक्ष में तो हैं, लेकिन इसकी व्यवहारिकता को लेकर भी सवाल जरूर उठ रहे हैं।
आडवाणी ने बहुत पहले पेश किया था विचार
बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी बहुत पहले सभी चुनावों को एक साथ करवाने का विचार पेश किया था। 1951 और 1952 में पहले आम चुनाव और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे।
प्रधानमंत्री ने भी दिखाई है रुचि'
नायडू का कहना है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा, 'वह भी चाहते हैं कि एक साथ चुनाव हो तो अच्छा है।'
सवाल उठा रहे राजनीतिक दल
एक तरफ जहां वेंकैया नायडू का कहना है कि सरकार को लगता है कि एक साथ चुनाव करवाने से एक तो चुनावी खर्च कम होगा, वहीं समय की बर्बादी भी नहीं होगी। उधर, राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय में हो रहे चुनाव को किस तरह से मैनेज किया जाएगा यह बड़ा सवाल है।