नई दिल्ली। वित्तमंत्रालय उस जांच रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा है जिसके मुताबिक, 2009 में हथियारों के एक विवादित सौदेबाज ने लंदन में रॉबर्ट वाड्रा को बेनामी घर खरीद कर दिया। इस जांच में उन ई-मेलों का हवाला भी है, जिसे रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने भेजा था। रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं। इस मामले में डिफेंस सौदेबाज संजय भंडारी से पूछताछ हो रही है।
पिछले महीने एनफोर्समेंट एजेंसियों ने भंडारी के 18 ठिकानों पर छापा मारा था। कर अधिकारियों और एनफोर्समेंट विभाग द्वारा इन छापों के बाद दो जांच रिपोर्ट तैयार की गईं। रिपोर्टों के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने कई ईमेल भेजे जिसमें लेन-देन और लंदन के घर के रेनोवेशन से जुड़ी बातें हैं। 12 एल्लर्टन हाउस, ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित इस घर को 19 लाख पाउंड यानी करीब 19 करोड़ रुपये में खरीदा गया। ऐसा आरोप है, यह सौदा अक्टूबर 2009 में हुआ और जून 2010 में इसे बेच दिया गया।
मेल पर रॉबर्ट का जवाब भी दर्ज
रिपोर्ट में इन मेल्स पर चड्ढा को दिया गया वाड्रा का जवाब भी दर्ज है, जिसमें कहा गया है, वह इस मामले को देखेंगे। वह यह भी कह रहे हैं कि उनका सेक्रेटरी मनोज इस मामले पर संपर्क में रहेगा। इसके बाद रिपोर्ट कह रही है कि- इसी के मुताबिक मनोज सुमित चड्ढा नामक ई-मेल आईडी के जरिए संपर्क में रहे। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया 2 कि ई-मेल में संपत्ति के रिडेकोरेशन तक की बात का जिक्र है।
जांच के दौरान नष्ट करना चाहा फोन
जांचकर्ताओं का कहना है, भंडारी ने रेड के दौरान ब्लैकबेरी फोन को नष्ट करने की कोशिश भी की। हालांकि वे लोग उनके फोन और कंप्यूटर्स से डाटा रिकवर करने में सफल रहे। भंडारी के जनसंपर्क कार्यालय ने विस्तृत प्रश्नावली भेजने के लिए कहा, जो उन्हें भेजा भी गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले पर कमेंट करने का लिखित निवेदन करने के बावजूद वाड्रा के असिस्टेंट अरोड़ा ने यह खबर छापे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया है।