ढाका। कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतीउर रहमान निजामी को मंगलवार रात फांसी दे दी गई। फांसी से पहले बांग्लादेश की सरकार ने कहा था की अगर राष्ट्रपति के पास अपनी दया याचिका भेजतें हैं तो उनकी सजा माफ की जा सकती है। लेकिन निजामी ने क्षमा याचिका को भेजने से साफ़ मना कर दिया और उसके बाद मिली जानकरी के मुताबिक ढाका सेंट्रल जेल में मध्यरात्रि 12 बजे फांसी पर लटकाया गया। फांसी से पहले जेल के आस पास सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर दिया गया था।
गौरतलब हो की निजामी साल 2010 से ही क़ानूनी लड़ाई लड़ रहा था। बता दें की निजामी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के कैबिनेट में मंत्री रह चुका है। वह 2010 से जेल में है। उसे अक्टूबर 2014 में मौत की सजा सुनाई गई थी। फांसी के दौरान जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतीउर रहमान निजामी तकरीबन 20 मिनट तक फांसी पर लटकाया गया था उसके बाद मृत शरीर का मेडिकल चेकप किया गया। फांसी से पहले उसकी आखिरी अपील पांच मई को शीर्ष न्यायालय ने खारिज कर दी थी।
राजधानी ढाका के प्राचीन हिस्से में मौजूद ढाका सेंट्रल जेल के चारों ओर सुरक्षा बढ़ाने के लिए एलीट अपराध रोधी रैपिड एक्शन बटालियन ने पुलिस का सहयोग किया। बता दें कि बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी का सबसे बड़ा नेता है। उसे 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में पाकिस्तानी सेना के सहयोग से बांग्लादेशियों पर अत्याचार करने के लिए फांसी की सजा सुनाई गई है।