नई दिल्ली। नेताजी की मौत के लेकर जितनी अटकले लगार्इ जा रही थी उस का खुलासा हो गया है। अभी तक यही माना जाता रहा है कि 1945 में ताइवान विमान हादसे में नेताजी की मौत हो गई थी, लेकिन मंगलवार को नेताजी से जुडी फाइलें सार्वजनिक होने के बाद इस खबर से पर्दा उठ गया है कि 1945 में हुए प्लेन क्रैश में नेताजी की मौत नहीं हुई थी। प्लने क्रैश हुआ था, लेकिन नेताजी की जान बच गई थी। हालांकि, अभी तक की सरकारें इस बात से इनकार करती आई हैं कि विमान हादसे में नेताजी बच गए थे, लेकिन जो फाइलें सार्वजनिक की गई हैं उससे पता लगता है कि प्लेन क्रैश के बाद भी नेताजी ने तीन ब्रॉडकास्ट किए थे।
जिसमें से पहला ब्रॉडकास्ट 26 दिसंबर 1945 को किया गया। इसमें उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं विश्व शक्तियों की शरण में हूं, मेरा दिल भारत जाने के लिए तड़प रहा है। मैं तीसरे विश्वयुद्ध के शिखर पर पहुंचने के दौरान भारत जाऊंगा, इसमें 10 साल या उससे कम भी लग सकते हैं। इसके कुछ ही दिनों बाद नेताजी ने 1 जनवरी 1946 को दूसरा ब्रॉडकास्ट किया था।
जिसमें उन्होने कहा था कि हमें दो वर्षों के भीतर आजादी मिल जानी चाहिए। ब्रिटिश साम्राज्य बिखरता जा रहा है। भारत को अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजादी नहीं मिल सकती, लेकिन मैं महात्मा गांधी का सम्मान करता हूं। फरवरी 1946 में अपने तीसरे ब्रॉडकास्ट में उन्होने कहा कि मैं सुभाष चंद्र बोस बोल रहा हूं।
जापान के समर्पण के बाद यह तीसरा मौका है, जब मैं अपने भारतीय भाई-बहनों को संबोधित कर रहा हूं। आगे उन्होने कहा कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री पैठिक लॉरेंस व दो अन्य लोगों को भारत में स्थायी निवास के नाम पर भारतीयों का खून चुसने के लिए भेज रहे है। उपरोक्त सभी जानकारियां पश्चिम बंगाल के गवर्नर हाउस से प्राप्त की गई है और फिलहाल ये सभी जानकारियां पीएम कार्यालय के फाइल नंबर870/11/पी/16/92/पीओआई में मौजूद है।