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माल्या पर CBI का बयान, गलती से जारी हुआ पहला लुक आउट नोटिस

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 12 2016 10:28AM | Updated Date: Mar 12 2016 12:22PM
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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंकों के करोड़ों रुपये के कर्जदार उद्योगपति विजय माल्या के विदेश जाने के मामले में अपनी गलती मानते हुए आज स्पष्ट किया कि राज्यसभा सांसद को हिरासत में लेने की मांग संबंधी पहला लुक आउट नोटिस भूलवश जारी हो गया था।
 
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने आंतरिक जांच के बाद पाया है कि हिरासत में लेने संबंधी नोटिस गलती से जारी हुआ था। सीबीआई ने कहा कि यह गलती निचले स्तर के अधिकारी से हुई थी।
 
माल्या के लुकआउट नोटिस में आये बदलाव को लेकर सीबीआई ने अपने विभाग में आंतरिक जांच शुरू कर दी है। लुकआउट नोटिस में कथित बदलाव को लेकर जांच एजेंसी विवादों के घेरे में है।
 
सीबीआई द्वारा जारी पहले लुकआउट नोटिस में विदेश जाने पर गिरफ्तारी की बात कही गयी थी, लेकिन बाद में लुक आउट नोटिस में बदलाव किया गया और यह कहा गया कि माल्या विदेश जा सकते हैं, सिर्फ उन्हें अपने विदेश दौरे की जानकारी देनी होगी।
 
इससे पहले उद्योगपित विजय माल्या के देश को छोड़कर जाने का मामला एक बार फिर राज्यसभा में उठा। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि पिछले साल सीबीआई ने एक माह बाद अपने लुकआउट नोटिस को बदल दिया। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए।
 
राज्यसभा में शून्यकाल में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मुद्दे को उठाते हुए बताया कि16 अक्तूबर 2015 को सीबीआई ने लुकआउट नोटिस जारी करते हुए इमीग्रेशन डिपार्टमेंट से कहा था कि अगर विजय माल्य का इरादा देश छोड़कर जाने का है तो उन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहिए। लेकिन ठीक एक माह बाद नवंबर में सीबीआई ने अपने पहले नोटिस में बदलाव करते हुए डिपार्टमेंट से कहा कि माल्या के बारे में सिर्फ सूचित किया जा रहा है।
 
आजाद ने सरकार से पूछा कि आखिर सीबीआई ने अपना नोटिस क्यों बदला। सरकार तर्क दे रही है कि माल्या के खिलाफ कोई अदालती आदेश नहीं था। लेकिन ग्रीनपीस के कार्यक्रता प्रिया पिल्लै को केवल सरकार के आदेश पर ही हवाई अड्डे पर रोक लिया था। उसे लंदन नहीं जाने दिया गया। फिर माल्या के मामले में ऐसा क्यों नहीं हुआ।
 
विपक्ष के नेता ने कहा कि सरकार माल्या के देश छोड़कर जाने के मामले में एक पक्ष है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार ने माल्या को कोई रियायत नहीं दी है जैसा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में इतालवी कारोबारी ओतावियो क्वात्रोच्चि को दी गई थी।
 
विदित हो कि कई बैंकों ने माल्या का पासपोर्ट जब्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके पूर्व माल्या देा मार्च को देश छोड़कर चला गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली सदन को बता चुके हैं कि माल्या पर 30 नंवबर 2015 तक ब्याज सहित 9,091.40 करोड़ रुपये बकाया है।
 
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