नई दिल्ली। कई साल की बातचीत और सौदेबादी के बाद आखिरकार अमेरिकी सरकार ने सोमवार को 145 अल्ट्रा लाइट 'M-777' तोपों के लिए 47.68 अरब रुपए का ऑफर रख दिया। पेंटागन के सूत्रों के मुताबिक इस डील पर फाइनल होना तय हो गया। दिलचस्प यह भी है कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका की F-16 की डील पर भारत नाराज भी चल रहा था। पेंटागन ने हॉवित्जर तोपों से संबंधित डील का लेटर इंडियन डिफेंस मिनिस्ट्री को भेज दिया है।
अमेरिका भारत को 145 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें बेचने के लिए तैयार हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी विदेशी सैन्य कार्यक्रम के पेंटागन ने जो स्वीकृति पत्र (LoA) रक्षा मंत्रालय में दाखिल किया था, उसके आधार पर अगले 180 दिनों में भारत और अमेरिकी सरकारें आमने-सामने बैठकर डील फाइनल कर लेंगी।
दोनों देशों की सरकारों के बीच यह डील होगी। फाइनल कॉन्ट्रेक्ट 180 दिन के अंदर तैयार कर लिया जाएगा। ज्यादातर तोपें भारत में होंगी तैयार होंगी। मालूम हो कि करीब 30 साल पहले भारत ने स्वीडन से बोफोर्स तोपें खरीदी थीं। इस डील में कमीशन को लेकर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तोपों को लेकर बातचीत तो हुई लेकिन किसी आखिरी फैसले पर नहीं पहुंचा जा सका।
इन तोपों की पहली खेप भारत को सीधे तौर पर भेजी जाएगी। इसके बाद की तोपें तीन साल के अंदर भारत में ही तैयार की जाएंगी। इस डील के साथ ही अमेरिका रुस, इजराइल और फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत को आर्म्स सप्लाइ करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है।