नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल के अंदर अपने आपको बड़ी तेजी से बदला है। नौसेना की इस क्षमता का प्रदर्शन 4 से 8 फरवरी तक चलने वाले इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में भी होगा। नौसेना ने खुद को ऐसी क्षमताओं से लैस किया है जिनके जरिए तेजी से अपने समंदर से दूर जाकर विदेशी समंदर और उसकी जमीन पर भी राहत अभियान चलाने में मुश्किल पेश नहीं आती।
स्वदेशी तकनीक का बड़ा योगदान
इसके लिए नौसेना के पास विक्रमादित्य और विराट जैसे विमान वाहक पोत हैं तो आईएनएस मुंबई जैसे युद्धपोत भी हैं। वहीं सी-किंग जैसे हेलीकॉप्टर भी हैं जो खासतौर से राहत, बचाव और भारी चीजें ढोने के लिए बने हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि भारतीय नौसेना की इन क्षमताओं को बढ़ाने में विदेशी साजो-सामान ही नहीं बल्कि स्वदेशी तकनीक का भी बड़ा योगदान है।
तैयार हो रहा है आईएनएस विक्रांत
बीते कुछ बरस में भारतीय नौसैनिक बेड़े की ताकत आईएनएस कोलकाता, कामोर्ता, कोच्चि जैसे देश में ही बने जंगी जहाजों ने भी बढ़ाई है। स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल होने को लगभग तैयार है। वहीं तेजी से देसी तकनीक से विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत भी तैयार हो रहा है। नौसेना के नाम से ऐसा लगता है कि ये सिर्फ समंदर में ही ऑपरेशन करने वाली फौज है, लेकिन सच ये है कि नौसेना के पास जमीन पर कमांडो ऑपरेशन करने के लिए मैरीन कमांडो भी हैं।
रस्सी की मदद से हेलीकॉप्टर से जमीन पर उतरेंगे कमांडो
इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू के दौरान 24 मार्कोस कमांडो आसमान से स्काईडाइव भी करेंगे और रस्सी की मदद से हेलीकॉप्टर से भी जमीन पर उतरेंगे। एंटी पायरेसी ऑपरेशन यानी समुद्री लुटेरों के खिलाफ चल रहे अंतर्राष्ट्रीय अभियान में मार्कोस शानदार भूमिका निभा रहे हैं। फ्लीट रिव्यू में नौसेना के एंफीबियन पोत समंदर से दुश्मन की जमीन पर सैनिकों को उतारने की ताकत का भी प्रदर्शन करेंगे।
नौसेना के 45 विमान ले रहे हैं हिस्सा
भारतीय नौसेना आसमान से भी मुश्किल ऑपरेशन करने की क्षमता रखती है। नौसेना की ये क्षमता नजर आएगी फ्लीट रिव्यू के फ्लाईपास्ट के वक्त। इस फ्लाई पास्ट में नौसेना के 45 विमान हिस्सा ले रहे हैं, जो 15 विभिन्न तरह की फार्मेशन पेश करेंगे। इनमें दो फार्मेशन भारतीय कोस्ट गार्ड के विमान दिखाएंगे।
नजर आएंगे कोमोव-31
फ्लीट रिव्यू के दौरान लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई पोजीडॉन का भी प्रदर्शन होगा तो एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर कोमोव-31 भी नजर आएंगे। कोमोव विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात है जिसके मुख्य हथियार हैं घातक मिग-29के विमान।
भारत की ताकत से रू-ब-रू होगी दुनिया
बेशक भारतीय नौसेना आसमान और जमीन दोनों ही जगह ऑपरेशन करने की क्षमता रखती है, लेकिन उसकी असली ताकत समंदर में है। लिहाजा सबसे ज्यादा निगाहें उन युद्धपोत पर होगी जिन्हें हाल फिलहाल भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। भारतीय नौसेना की ये ताकत चीन जैसे पड़ोसी मुल्क भी दिखेंगे जिसके दो युद्धपोत पाकिस्तान के साथ साझा सैन्य अभ्यास करने के बाद इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में हिस्सा ले रहे हैं। ये छुपी बात नहीं है कि चीन, पाकिस्तान की मदद से हिंद महासागर के ऊर्जा रूट पर अपना दबदबा कायम करना चाहता है तो दक्षिण चीन सागर में भारत को घुसने नहीं देना चाहता।
इसलिए अपने पूर्वी तट पर इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू का आयोजन कर भारत पूरी दुनिया को ये साफ कर देना चाहता है कि हिंद महासागर उसका इलाका है। इस इलाके में उसी का सिक्का और रुतबा चलता है और इस रुतबे को कायम रखने के लिए भारतीय नौसेना के पास हिम्मत भी है तो युद्धक्षमता भी है।