नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि इस सरकार में कोई संवाद नहीं हो रहा और इस सरकार का हाल इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली उस कांग्रेस सरकार की तरह हो सकता है, जिसे आपातकाल के बाद मुंह की खानी पड़ी थी।
भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी में हाशिये पर डाल दिए गए सिन्हा ने यहां आयोजित डिफिकल्ट डायलॉग में यह बयान दिया। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया।
सिन्हा ने कहा कि निश्चित पर कोई संवाद नहीं होने की कोई गुंजाइश नहीं है। यह भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। यहां-वहां भूल तो होंगी ही, चिंता मौजूदा हालात को लेकर है। लेकिन महान भारतीय समाज इसका ख्याल रखेगा और भारत में संवाद में यकीन नहीं रखने वालों को जनता धूल चटा देंगी।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रह चुके सिन्हा ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि भारत के लोग उन्हें धूल चटा देंगे। आपको बस अगले चुनावों का इंतजार करना है। कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देने वाले 1977 के आम चुनावों का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा कि (संवाद की) ऐसी अनदेखी से सरकार 19 महीने ही टिक सकेगी। गौरतलब है कि आपातकाल भी 19 महीने तक लागू रहा था।
सिन्हा ने कहा कि हम सभी को पता है कि भारत के लोगों ने आपातकाल पर कैसी प्रतिक्रिया दी थी जो असहमति के स्वर को बनाए रखने के लिए हमारे देश में सबसे ताकतवर लोकतांत्रिक प्रयास था। समाज में संवाद रोक न दिया जाए, यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर येचुरी के हस्तक्षेप पर सिन्हा ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अड़ंगा लगाने वाला गंभीर मुश्किल में है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि विपक्ष संसद को सुचारू रूप से चलने नहीं दे रहा। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कांग्रेस के एक नेता पर निशाना साधा जिन्होंने संसदीय समिति की बैठकों में जीएसटी विधेयक पर कभी कोई चिंता जाहिर नहीं की, लेकिन बाद में ऐतराज जताने लगे। सिन्हा ने कहा कि वाजपेयी सरकार में (विपक्ष के साथ) संवाद की मदद से कई अहम विधेयक पारित कराए गए थे।
यशवंत सिन्हा ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब एक अन्य भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेता उससे कहीं ज्यादा पाने के योग्य हैं जो उन्हें दिया गया है। शत्रुघ्न ने पुणे में कहा कि अभी मैं और ये सभी नेता दमन और सम्मान के बीच फंसे हुए हैं ।