नई दिल्ली। ईरान से परमाणु आधारित प्रतिबंधों को हटाए जाने को एक उपलब्धि बताते हुए भारत ने कहा कि वह उसके साथ अपना लंबे समय से चला आ रहा आर्थिक सहयोग और बढ़ाने का इच्छुक है। भारत ने उर्जा तथा क्षेत्रीय संपर्क जैसे क्षेत्रों में भी ईरान से सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। विदेश मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा भारत, ईरान से परमाणु आधारित प्रतिबंधों को हटाने की घोषणा का स्वागत करता है। यह धैर्य वाली कूटनीति की एक बड़ी सफलता है।
साथ ही यह शांति और समृद्धि के नए अध्याय का भी संकेत है। इससे पहले इसी सप्ताह अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ईरान से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की थी। संयुक्त राष्ट्र के परमाणु नियामक ने पाया था कि ईरान ने वादे के अनुसार अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाया है। इस सप्ताह के शुरू में अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध हटाने की घोषणा की। ये प्रतिबंध उसे परमाणु कार्यक्रम पर प्रमुख देशों के साथ एक समझौते के तहत पाबंदी हटायी गयी है।
अब पाबंदी हट जाने के बाद भारत वहां 1280 अरब घन फुट के गैस भंडार वाली एक परियोजना के विकास पर फिर बात करने लगा है। इसे ओएनजीसी प्रतिबंध के दौरान भारत ने ईरान से कच्चे तेल की खरीद घटा दी थी। 2009-10 में वहां से 2.12 करोड़ टन तेल मंगाया गया था जो 2013-14 में घट कर 1.1 करोड़ टन रह गया है। भारतीय कंपनियां अमेरिका और ईयू की पाबंदी की डर से ईरान के साथ कारोबार करने से बच रही थी।