नई दिल्ली/हैदराबाद। हैदराबाद में छात्र की खुदकुशी के मामले में राजनीति तेज होती दिखाई दे रही है। वहीं, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज हैदराबाद विश्वविद्यालय का दौरा किया और इस मुद्दे पर छात्रों से बातचीत की। राहुल गांधी ने मांग की कि दलित छात्र की मौत के संदर्भ में हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को इस्तीफा देना चाहिए।
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ ‘एकजुटता’ जताते हुए एफटीआईआई के छात्र मंगलवार को संस्थान के द्वार के बाहर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए। वहीं असदउद्दीन ओवैसी ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि इस मामले से सरकार का रुख साफ दिखाई देता है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, यूनिवर्सिटी के वीसी पी. अप्पा राव, अभाविप कार्यकर्ता सुशील कुमार और उसके भाई विष्णु के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि किसी यूनीवर्सिटी में छात्रों में खुल कर विचार रखने की आजादी होनी चाहिए। आप किसी के विचार से सहमत नहीं हो सकते हैं पर उसको विचार रखने की आजादी होनी चाहिए। दिल्ली के मंत्री और यहां के वीसी सही से काम नहीं कर रहे हैं। वीसी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
केजरीवाल बोले- यह सुसाइड नहीं हत्या है
केजरीवाल ने भी इस मामले को लेकर मोदी सरकार पर हमला ट्वीट कर हमला बोला है। केजरीवाल ने कहा- यह सुसाइड नहीं, यह हत्या है यह हत्या है लोकतंत्र की। केजरीवाल ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी को मंत्री को बर्खास्त करके देश से माफी मांगनी चाहिए।
आयोग उठाएगा मजबूती से मुद्दा
इधर, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने छात्र की आत्महत्या में राजनीति होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आयोग इस मुद्दे को मजबूती से उठाएगा।
ये लिखा पत्र- आत्मा और देह के बीच बढ़ रही है खाई
गुड मॉर्निंग,
आप जब पत्र पढ़ रहे होंगे तब मैं नहीं होऊंगा, मुझ पर नाराज मत होना। मैं जानता हूं कि आप में से कई लोगों को मेरी परवाह थी, आप लोग मुझसे प्यार करते थे और आपने मेरा बहुत ख्याल भी रखा। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। मुझे हमेशा से खुद से ही समस्या रही है। मैं अपनी आत्मा और अपनी देह के बीच की खाई को बढ़ता हुआ महसूस करता रहा हूं...।
मैं एक दानव बन गया हूं, मैं हमेशा एक लेखक बनना चाहता था, विज्ञान पर लिखने वाला, कार्ल सगान की तरह। लेकिन अंत में मैं सिर्फ ये पत्र लिख पा रहा हूं। मैं पहली बार इस तरह का पत्र लिख रहा हूं, पहली बार मैं आखिरी पत्र लिख रहा हूं। मुझे माफ करना अगर इसका कोई मतलब न निकले तो। आप जो मेरा पत्र पढ़ रहे हैं, अगर कुछ कर सकते हैं तो मुझे अपनी सात महीने की फेलोशिप मिलनी बाकी है एक लाख 75 हजार रुपए। कृपया ये सुनिश्चित कर दें कि ये पैसा मेरे परिवार को मिल जाए। मुझे रामजी को चालीस हजार रुपए देने थे।
उन्होंने कभी पैसे वापस नहीं मांगे, लेकिन प्लीज फेलोशिप के पैसे से रामजी को पैसे दे दें। मैं चाहूंगा कि मेरी शवयात्रा शांति से और चुपचाप हो। लोग ऐसा व्यवहार करें कि मैं आया था और चला गया। मेरे लिए आंसू न बहाए जाएं। आप जान जाएं कि मैं मर कर खुश हूं जीने से अधिक। अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन परिवार, आप सब को निराश करने के लिए माफी। आप सबने मुझे बहुत प्यार किया...सबको भविष्य के लिए शुभकामना।
जय भीम
मैं औपचारिकताएं लिखना भूल गया। खुद को मारने के मेरे इस कृत्य के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है, किसी ने मुझे ऐसा करने के लिए भड़काया नहीं, न तो अपने कृत्य से और न ही अपने शब्दों से। ये मेरा फैसला है और मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं। मेरे जाने के बाद मेरे दोस्तों और दुश्मनों को परेशान न किया जाए।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन
यूनिवर्सिटी के छात्र इस जानलेवा कदम के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन और बंडारू दत्तात्रेय को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जेएनयू में भी छात्र संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि पिछले साल अगस्त में अभाविप के कार्यकर्ताओं से झड़प के कारण रोहित को निकाला गया था। मृतक का शव लेने पहुंची पुलिस का भी छात्रों ने विरोध किया। शव को कमरे में बंद कर दिया।
दत्तात्रेय को मंत्रिमंडल से निकाला जाए
कांग्रेस ने इस मामले में मंत्री दत्तात्रेय को फौरन मंत्रिमंडल से निकालने की मांग की है। पार्टी की मांग है कि विश्वविद्यालय के कुलपति को भी फौरन उनके पद से हटाने की कार्रवाई करते हुए, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को हैदराबाद विश्वविद्यालय का दौरा करना चाहिए।
पिछले वर्ष किया था निलंबित
पिछले साल अगस्त में इन पांचों छात्रों को अभाविप के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था। यह सब दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘मुजफ्फरनगर बाकी है’ वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर अभाविप के हमले के बाद शुरू हुआ। एएसए ने अभाविप के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में कैंपस में प्रदर्शन किया था। इसके बाद इन छात्रों को होस्टल से दिसंबर में निकाल दिया गया था।
मैं कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगी, कांग्रेस ने घेरा
कांग्रेस ने कहा कि एफआईआर के बाद केंद्रीय मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। पार्टी ने मांग की कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी खुद हैदराबाद जाकर जांच करें। वहीं स्मृति ईरानी ने कहा- मैं कोई राजनीतिक बयान नहीं दूंगी। छात्र की मौत से दुख है। सरकार विश्वविद्यालय के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती।
किस-किस पर एफआईआर
केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय, कुलपति अप्पा राव, विधान परिषद सदस्य रामचंद राव, छात्र सुशील कुमार और राम कृष्ण। इन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस।
जांच के लिए टीम गठित
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्र की आत्महत्या के मामले में दो सदस्यीय जांच दल हैदराबाद भेजा है। यह दल आत्महत्या के कारणों की जांच करेगा।
मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं
केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा- मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं। मैंने बस एक ज्ञापन एचआरडी मंत्रालय भेजा था। मुझे नहीं पता कि उस पर क्या कार्रवाई हुई।
यह है मामला
गौर हो कि दलित पीएचडी स्कॉलर वी. रोहित रविवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रावास में फांसी पर लटके मिले थे। रोहित उन पांच शोध छात्रों में शामिल थे जिन्हें हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) ने पिछले वर्ष अगस्त में निलंबित किया था और वह एक छात्र नेता पर हमले के आरोपियों में शामिल थे। पांचों शोध छात्रों को एबीवीपी के एक नेता पर हमला करने के लिए बाद में उनके शेष अध्ययन के दौरान छात्रावास से निलंबित कर दिया गया था।