इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बारे में दिए गए भारत के सबूतों को नकार दिया है। पाकिस्तान के अखबार द न्यूज ने दावा किया है कि जो फोन नंबर भारत की तरफ से सबूत के तौर पर दिए गए थे, वे पाकिस्तान के नहीं हैं। बता दें कि भारत का दावा था कि आतंकियों ने इन नंबरों पर पाकिस्तान में बात की थी। वहां की सरकार ने पठानकोट हमले से जुड़ी शुरुआती जांच रिपोर्ट भारत को सौंप दी है।
इससे भी अहम बात ये कि भारत की तरफ से दिए गए सबूतों के आधार पर पाकिस्तान का कहना है कि पठानकोट हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने जैसी कोई बात निकल कर सामने नहीं आ रही।
गौरतलब है कि पठानकोट हमले के दौरान पकड़ी गई बातचीत के आधार पर भारत ने इसमें मौलाना मसूद अजहर और उसके आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर हमले का आरोप लगाया है। इस बाबत भारत ने पाकिस्तान को कार्रवाई करने लायक सबूत भी सौंपने की बात की है। पाकिस्तान ने भारत को भरोसा दिया था कि वो दिए गए सबूतों के आधार पर जांच कर ठोस नतीजा देने की हरसंभव कोशिश करेगा।
वहीं, पठानकोट हमले को लेकर भारत का दवाब काम आ गया है। इसी का नतीजा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पठानकोट हमले की जांच के लिए संयुक्त टीम (JIT) बनाई है। पाकिस्तान सरकार ने आईबी, आईएसआई, मिलिट्री इंटेलिजेंस और पुलिस को मिलाकर जांच टीम बनाई है। इस टीम में पाकिस्तान आईबी, आईएसआई, मिलिट्री इंटेलीजेंस और पुलिस अफसर शामिल होंगे।
इस बीच, पाकिस्तान में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। संयुक्त जांच टीम बनाने को लेकर शरीफ ने पिछले हफ्ते ही एक बैठक भी बुलाई थी। इसमें शरीफ के अलावा गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर जंजुआ, विदेश मामलों पर पीएम के सलाहकार सरताज अजीज और वित्त मंत्री इशाक डार भी शामिल हुए थे।