मैसुरू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि साधु, संतों और रिषियों ने हमेशा समाज के कल्याण के लिए काम किया है।
अवधूत दत्ता प्रीतम के आश्रम के दौरे में उन्होंने कहा कि साधु-संत अपने काम की ज्यादा चर्चा नहीं करते क्योंकि वे समझते हैं कि समाज के कल्याण के लिए यह उनके काम का हिस्सा है। इस आश्रम की स्थापना श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी ने की थी।
कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे मोदी ने कहा, ‘‘मैं यहां पहली बार आया हूं लेकिन मैं यहां की परम्परा को अच्छी तरह जानता हूं।’’ प्रधानमंत्री कल यहां वार्षिक भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करने वाले हैं।
मोदी ने प्रीतम के एक अस्पताल का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, ‘‘यहां (प्रीतम में) सामाजिक काम को बड़ा महत्व दिया जाता है। साधु, संतों, रिषियों का काम हमेशा समाज की भलाई के लिए होता है।’’
स्वामीजी ‘‘रागरागिनी विद्या’’ को लोकप्रिय बनाने के लिए काम करते हैं और उन्होंने आश्रम की शाखाएं कई देशों में खोली हैं।
रागरागिनी एक प्राचीन संगीत परम्परा है और दावा किया जाता है कि आध्यात्मिक साधना करने और बीमारियों को ठीक करने में इसका इस्तेमाल होता है।
स्वामीजी कई देशों की यात्रा करते हैं और कंसर्ट का आयोजन करते हैं। वह पूरे देश में कल्याणकारी योजनाएं चलाते हैं।