नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने डीडीसीए विवाद के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ पटियाला हाऊस कोर्ट में आपराधिक मानहानि शिकायत दाखिल की। जेटली ने अदालत में कहा कि उन्होंने डीडीसीए से ‘एक पैसा भी’ नहीं लिया और केजरीवाल तथा अन्य ने उन पर बेबुनियाद और अपमानजनक आरोप लगाए।
जेटली आज दोपहर बाद पटियाला हाऊस कोर्ट पहुंचे। अब इस मानहानि केस की अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी। वहीं, दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- कोर्ट में केस करके जेटली जी हमें डराने की कोशिश ना करें। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हमारी जंग जारी रहेगी।
वहीं, डीडीसीए में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। आज सदन में अरुण जेटली और बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद का आमना-सामना हुआ। ये देखना दिलचस्प था कि पहले जेटली ने अपनी सफाई दी और तुरंत बाद आजाद ने अपनी बात रखते हुए सीबीआई जांच की मांग कर डाली।
जेटली ने खुद दिया जवाब
सोमवार को डीडीसीए में हुए घोटालों के मसले पर कांग्रेस ने राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा किया। लोकसभा में कांग्रेस सांसदों के आरोपों का जवाब देने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली खुद खड़े हुए। हालांकि उन्होंने वही बातें दोहराई, जो पिछले दिन डीडीसीएस मसले की सफाई में लिखे गए अपने ब्लॉग में कही थी।
मुझ पर लगे रहे सभी आरोप मनगढंत
जेटली ने कहा कि 114 करोड़ रुपए में 42,000 की क्षमता का स्टेडियम बनाया गया, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में जवाहर लाल नेहरू की मरम्मत पर ही 900 करोड़ खर्च हुए थे। उन्होंने कहा कि डीडीसीए को लेकर लग रहे आरोप निराधार और मनगढंत हैं।
डीडीसीए घोटाले की हो सीबीआई जांच
हालांकि जेटली अपनी सफाई देकर जैसे ही बैठे कीर्ति आजाद अपनी जगह पर खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि स्टेडियम 114 करोड़ रुपए में बना, ये सच है। लेकिन आज उसकी हालत क्या है, ये हम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीडीसीए के मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
जेटली ने किया आप नेताओं पर मानहानि का केस
इससे पहले जेटली ने दिल्ली उच्च न्यायालय में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप के छह नेताओं पर मानहानि का मुकदमा ठोंक दिया। जेटली ने केजरीवाल और ‘आप’ के अन्य नेताओं- कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी से उनकी मानहानि वाली टिप्पणियों के लिए 10 करोड़ रूपए की क्षतिपूर्ति की मांग की है।
मुझ पर भी केस करो ना...
कीर्ति आजाद ने जेटली का चुनौती देते हुए ट्विटर पर लिखा, हेलो अरुण जेटली हम पर डीफेमेशन फाइल कर रहे हो ना? प्लीज करो ना। उन्होंने आगे लिखा, 'अरुण जेटली आपने मेरा नाम क्यों हटा दिया। आपने तो मेरे लेटर्स दिखाए थे। मुझ पर करो ना केस।
अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर हैं जेटली
केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने लोकसभा में अरुण जेटली का बचाव करते हुए कहा, जेटलीजी 2013 से डीडीसी के अध्यक्ष नहीं हैं। वे देश में अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर हैं।
सोनिया ने पूछा- क्या हर चीज के लिए वे ही दोषी हैं?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सोमवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली के आरोपों पर पलटवार किया है। जेटली ने दो दिन पहले कीर्ति आजाद का नाम लिए बिना कहा था कि भाजपा के एक सांसद ने यूपीए शासकाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, उस समय सोनिया और उस सांसद ने कहा था कि वे दोनों मिलकर जेटली को निपटा देंगे। जेटली के आरोपों पर पलटवार करते हुए सोनिया गांधी ने पूछा कि क्या हर चीज के लिए वे ही दोषी हैं?
यह है डीडीसीए मामला....
अरुण जेटली 1999 से 2013 तक डीडीसीए यानी दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। उनके कार्यकाल के दौरान डीडीसीए गलत वजहों से सुर्खियों में थी। साल 2009 के अगस्त में विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने दिल्ली रणजी टीम छोड़ने की धमकी दी थी। उनका आरोप था कि डीडीसीए में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गई है। सहवाग ने चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए थे। जेटली तब डीडीसीए के अध्यक्ष थे। उन्होंने सहवाग से मिल कर मामला रफा-दफा किया था।
टीम के चयन में पक्षपात और प्रॉक्सी वोटिंग के जरिए नए सदस्यों को डीडीसीए के प्रशासन से दूर रखने की खबरें हमेशा से आती रही हैं। अरुण जेटली और उपाध्यक्ष सीके खन्ना ने इस पर कुछ कहने से मना कर दिया। सवाल है कि क्या इससे जेटली अनजान थे या अनजान बनते रहे हैं।
डीडीसीए के खिलाफ बिगुल बजाने वालों में पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी और विश्वविजेता टीम के सदस्य और बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने 2012 में अरुण जेटली को पत्र लिखकर डीडीसीए में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी।
सबसे ज्यादा धांधली की शिकायतें आई फिरोज शाह कोटला स्टेडियम के पुनर्निर्माण पर। मई 2003 में काम शुरू हुआ तो लागत बताई गई 24 करोड़, लेकिन काम खत्म होने तक ये रकम 114 करोड़ तक जा पहुंची। इसी को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने हमले का हथियार बना लिया है।
जेटली ने 2013 मे डीडीसीए का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था, फिर 2014 में उन्होंने मुख्य संरक्षक पद भी छोड़ दिया, लेकिन क्या डीडीसीए के कार्यकलापों से उनका अब कोई वास्ता नहीं है? क्रिकेट के मैदान पर राजनीति का खेल खेला जा रहा है। इंतजार कीजिए अब अगले बाउंसर का।
विराट ने किया जेटली का समर्थन
वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, ईशांत शर्मा और शिखर धवन के बाद अब टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने भी केंद्रीय वित्त मंत्री और डीडीसीए के पूर्व प्रमुख अरुण जेटली का खुला समर्थन किया है।
अरुण जेटली पर उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितता पर आंखें मूंदे रखने के आम आदमी पार्टी के आरोपों के बीच कोहली ने कहा, अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली क्रिकेट के साथ ही प्लेयर्स की भलाई के लिए बहुत कुछ किया।
कोहली ने ट्वीट किया, ‘हमारे संघ के अध्यक्ष के रूप में जेटली जी के प्रति हम आभारी है। वह हमेशा क्रिकेट की बेहतरी और क्रिकेटर्स की भलाई के लिए काम करना चाहते थे।