नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच गृह मंत्रालय की ओर से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बड़ी बात कही गई है। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस कानून के तहत नागरिकता हासिल करने वालों को अपने धर्म के बारे में यह जानकारी देनी होगी कि वह किस धर्म से हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार जो लोग सीएए के तहत नागरिकता हासिल करना चाहते हैं, उन्हें पहले ये बताना होगा कि वह अफगानिस्तान, पाकिस्तान या बंग्लादेश से आए हैं और इसके बाद उन्हें अपने धर्म की भी जानकारी देनी है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि मान लीजिए, अगर किसी का बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है, उसने दाखिले के वक्त अपने धर्म की जानकारी एडमिशन फॉर्म में दी होगी। अगर किसी ने 31 दिसंबर 2014 से पहले आधार कार्ड बनवाया होगा तो उसमें उसने अपने धर्म की जानकारी दी होगी। अगर इसमें हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई धर्म दर्ज है, तो इस दस्तावेज को स्वीकार किया जाएगा और उन्हें नागरिकता दी जाएगी, जैसा कि कानून कहता है। किसी भी तरह का कोई सरकारी दस्तावेज जिसमें धर्म के बारे में जानकारी दी गई है, उसे स्वीकार किया जाएगा।