28 Mar 2024, 20:50:06 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

गिर सकती है महाराष्ट्र सरकार - सावरकर को लेकर भिड़ी कांग्रेस-शिवसेना

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 20 2020 11:23AM | Updated Date: Jan 20 2020 11:24AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्‍ली। सावरकर को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के बीच तकरार बढ़ी जा रही है जिस वजह से महाराष्ट्र सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। विनायक दामोदर सावरकर के मसले पर महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में दरार इसी वजह से बढ़ती जा रही है। सावरकर को भारत रत्न दिए जाने के मुद्दे पर शिवसेना सांसद संजय राउत और कांग्रेस के नेताओं के बीच पिछले कुछ हफ्तों से लगातार जारी बयानबाजियों के खाई गहराती जा रही है।
 
दोनों दलों के बीच अंतिम बयानबाजी में जहां कांग्रेस ने 'वीर सावरकर' की आलोचना को दोहराते हुए उन्हें भारत रत्न दिए जाने का विरोध किया था। वहीं, शिवसेना के राउत ने कहा था कि सावरकर को भारत रत्न देने का विरोध करने वालों को उसी जेल में भेज देना चाहिए, जहां सावरकर को अंग्रेजों ने रखा था ताकि उनके संघर्षों का एहसास हो सके।
 
पिछले सप्ताह में यह दूसरी बार है कि राउत ने अपने बयान से विवाद को जन्म दिया हो। कुछ दिन पहले ही राउत ने कहा था कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने आती थीं। इस बयान के बाद कांग्रेस की ओर से कई नेताओं ने संजय राउत को आड़े हाथ लिया, जिसके बाद राउत को अपना बयान वापस लेना पड़ा। कांग्रेसी खेमे से तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिली।
 
कांग्रेस के महाराष्ट्र इनचार्ज मल्लिकार्जुन खड़गे ने फोन कर शिवसेना से गठबंधन के तहत कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को फॉलो करने की बात की। खड़गे ने कहा, 'ऐसे बयान गठबंधन के लिए सही नहीं हैं। हमें ऐसी भाषा नहीं बोलनी चाहिए, जिससे मतभेद बढ़े। सरकार चलाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम होता है, जिसे पुरानी बातों के बजाय फॉलो करना चाहिए। अगर हम पुरानी बातें ही करेंगे तो कई सारी चीजें सामने आएंगी।'
 
कांग्रेस और शिवसेना के एक धड़े का भले ही यह मानना हो कि ऐसी बयानबाजियों से कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन पर असर नहीं पड़ेगा। लेकिन असल में इससे दोनों पार्टियां असहज नजर आ रही हैं। हालांकि राउत के बयान से खुद को दूर करने वालों में युवा सेना के अध्यक्ष तथा कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं। आदित्य ने राउत के बयान को उनका निजी मत करार देते हुए कहा कि इतिहास में नहीं पहुंचना चाहिए। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि ऐसे विवादित मुद्दों पर 'सोच-समझकर शांति' बरत लेनी चाहिए।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »