नई दिल्ली। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून के विरूद्ध देश भर में जारी प्रदर्शनों के बीच रविवार को बोला कि हिंदुस्तान में उदार लोकतंत्र की संस्थाओं को मजबूत करने व उनके द्वारा संविधान की दृढ़तापूर्वक रक्षा किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बोला कि युवा लोगों ने हाल में देश को याद दिलाया कि देश की आजादी प्रबुद्ध नागरिकों के हाथ में सुरक्षित है व वह भी तब जब यह सबके लिए समान रूप से हो।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार की किताब 'ह्यूमन डिगनिटी- अ परपज इन परपेच्युटी' के विमोचन प्रोग्राम में सिंह ने बोला कि 'हमारे उदार एवं उन्मुक्त लोकतंत्र' की संस्थाओं की कई मौकों पर इम्तिहान ली गई, जब मौलिक स्वतंत्रताएं जोखिम में थी। उन्होंने बोला कि सालों तक विकसित इन संस्थानों को मजबूत करने व उन्हें संविधान की रक्षा में लगाए रखने की आवश्यकता है।
पूर्व पीएम ने बोला कि वास्तव में आजादी का विचार हमारे लोगों के ज़िंदगी में तभी आकार ले सकता है, जब कानून के तहत वे सभी समान नागरिक की तरह जिएं। उनकी यह टिप्पणी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध तेज होते विरोध व केरल सरकार के सीएए के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट चले जाने के बीच आई है।