अयोध्या। जब से अय़ोध्या में राम मंदिर के संबंध में फैसला आया है तभी से मंदिर को बनाने को तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। शारदापीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की इच्छा है कि अयोध्या में बनने वाला भगवान श्रीराम का मंदिर कम्बोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तरह भव्य बने। इसका एक मॉडल शंकराचार्य के त्रिवेणी मार्ग स्थित माघ मेला शिविर में प्रदर्शित किया जाएगा। शंकराचार्य के प्रतिनिधि एवं मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी ब्रह्मचारी श्रीधरानंद ने बताया कि मंदिर बनने में तीन-चार साल का समय लगने का अनुमान है।
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने को कहा था। यह अवधि 10 फरवरी को समाप्त हो रही है। ट्रस्ट गठन के लिए सरकार के पास 8 फरवरी तक का समय है, लेकिन सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट में कौन-कौन से लोग होंगे, इसे लेकर फैसला लगभग लिया जा चुका है और इसका औपचारिक ऐलान जल्द ही कर दिया जाएगा। सूत्रों का दावा है कि हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार वर्ष प्रतिपदा यानी चैत्र नवरात्र के दौरान 25 मार्च से 2 अप्रैल के बीच मंदिर निर्माण का शुभारंभ हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर का निर्माण उसी नक्शे के आधार पर होगा, जो राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट ने बनाए थे। राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट ने अबतक जो भी निर्माण कार्य करवाए हैं, उन सभी का उपयोग मंदिर के निर्माण में किया जाएगा।
जब तक मंदिर नहीं बन जाता तब तक रामलला के विग्रह को स्वर्ण जड़ित छोटे मंदिर में रखा जाएगा। चंदन की लड़की से मध्य प्रदेश में बन रहे इस मंदिर को सोने के पत्तर से ढका जाएगा। स्वर्ण जड़ित मंदिर का निर्माण एक महीने में पूरा हो जाएगा। स्वर्ण जड़ित मंदिर को शंकराचार्य स्वयं अयोध्या लेकर जाएंगे और रामलला के विग्रह को प्रतिष्ठित करेंगे। इन दोनों विषयों की घोषणा शंकराचार्य मेला स्थित अपने शिविर में 20 से 24 जनवरी तक होने जा रही धर्मसभा में करेंगे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज 19 या 20 जनवरी को प्रयागराज आएंगे और मौनी अमावस्या का स्नान करने के बाद प्रस्थान होगा। केंद्र सरकार प्रस्तावित राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल करने के लिए करीब एक दर्जन नामों पर विचार कर रही है। इस बीच विश्व हिंदू परिषद और साधु-संतों की 20-21 जनवरी को प्रयागराज में एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रामनवमी के दिन यानी 2 अप्रैल को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखने की अपील की जाएगी।