नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर अपने आलोचकों से बात नहीं करते। पूर्व गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मोदी को अपने कुछ प्रमुख आलोचकों के सवालों का जवाब देने चाहिए ताकि लोग इस कानून को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकें। इसके पहले चिदंबरम अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर रुख अपनाते आए हैं। विभिन्न अंग्रेजी अखबारों में लेख लिखने के साथ-साथ ट्वीट के माध्यम से निशाना साधा है।
चिदंबरम ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि सीएए नागरिकता लेने के लिए नहीं, बल्कि देने के लिए है। बहुत लोगों का मानना है कि सीएए एनपीआर और एनआरसी से जुड़ा हुआ है तथा यह बहुत लोगों को गैर नागरिक घोषित कर देगा और उनकी नागरिकता छीन लेगा।' चिदंबरम ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री अपने आलोचकों से बात नहीं कर रहे हैं। आलोचकों के पास प्रधानमंत्री से बात करने का अवसर नहीं है।' उन्होंने कहा, 'एक ही तरीका है कि प्रधानमंत्री अपने सबसे पांच मजबूत आलोचकों का चयन करें और टेलीविजन पर सवाल-जवाब हो। लोगों को चर्चा सुनने दें और सीएए पर निष्कर्ष तक पहुंचने दें।'
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष एकजुट होता नजर नहीं आ रहा है। देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस द्वारा आज बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी और बहुजन समाज पार्टी की मायावती के बाद आम आदमी पार्टी ने भी शामिल होने से इनकार कर दिया है। ऐसे में भाजपा को विपक्ष पर हमला करने का एक मौका मिल गया है।