झारखंड। केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून को मुस्लिम विरोधी नहीं होने का भरोसा दिलाते हुए आज कहा कि इस विधेयक के पारित होने से कांग्रेस की पेट में दर्द शुरू हो गया है और वही यह दुष्प्रचार भी कर रही है। शाह ने यहां भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के किसी भी निर्णय को मुसलमान विरोधी बताने की कांग्रेस की आदत हो गई है। जब केंद्र सरकार फौरी तीन तलाक विधेयक लेकर आई तो कांग्रेस ने कहा यह मुसलमान विरोधी है।
इसके बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने से उत्पन्न भेदभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने के लिए विधेयक लाया गया तब भी कांग्रेस ने कहा यह मुसलमान विरोधी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस बार संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने पर कांग्रेस की पेट में दर्द शुरू हो गया है और वह लगातार दुष्प्रचार कर रही है कि यह कानून मुसलमान विरोधी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि यह कानून मुसलमान विरोधी नहीं है।’’ शाह ने कहा कि पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को यदि भारत की नागरिकता देना गलत है तो भाजपा ऐसी गलती बार-बार दुहराने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में आग लगाने में लगे हैं। मैं असम और उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों के लोगों को कहना चाहता हूं कि उनकी भाषा, संस्कृति, सामाजिक पहचान और उनके राजनीतिक अधिकार खत्म नहीं होंगे। हम इन पर जरा भी आंच नहीं आने देंगे।’’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कल मेघालय के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने उनसे मुलाकात कर कुछ समस्याओं का जिक्र किया है। मैंने आश्वासन दिया है कि इसमें सकारात्मक रूप से सोचकर मेघालय की समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सालों से न केवल हिंदू-मुसलमान की राजनीति करती रही बल्कि नक्सलवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देती रही है। लेकिन जब नरेंद्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री आतंकवाद की कठोर तरीके से नकेल कसने की कोशिश करते हैं तो विपक्षियों को तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति दिखाई पड़ती है। शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन कहते फिर रहे हैं कि झारखंड विधानसभा चुनाव का जम्मू-कश्मीर से क्या लेना-देना है। मैं गांधी से कहना चाहता हूं कि उन्हें देश का इतिहास नहीं पता है क्योंकि उनकी आंखों पर इटली का चश्मा लगा है।’’