कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विश्व दर्शन दिवस के मौके पर सभी दर्शन और विचारधाराओं का सम्मान किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि एक समाज केवल सहिष्णुता के माध्यम से ही प्रगति कर सकता है। बनर्जी ने गुरुवार को अपने सोशल नेटवर्किंग साइट पर कहा, ‘‘आज विश्व दर्शन दिवस है। हमें सभी दर्शन और विचारधाराओं का सम्मान करना चाहिए। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। एक समाज केवल सहिष्णुता के माध्यम से प्रगति कर सकता है।’’ हर साल नवंबर के तीसरे गुरुवार को आयोजित, विश्व दर्शन दिवस मानवीय गरिमा और विविधता का सम्मान करने वाली दार्शनिक बहस की अंतरराष्ट्रीय संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
यह दिवस अकादमिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है और वैश्विक मुद्दों के समाधान में दार्शनिक ज्ञान के योगदान पर प्रकाश डालता है। दर्शन वास्तविकता और अस्तित्व की प्रकृति, क्या जानना संभव है तथा सही और गलत व्यवहार का अध्ययन है। यूनेस्को के महासम्मेलन में 2005 में घोषणा की गयी थी कि नवंबर के हर तीसरे गुरुवार को विश्व दर्शन दिवस मनाया जाएगा। वर्ष 2019 संस्करण का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रीय संदर्भों में दर्शन के महत्व को उजागर करना है। इसका लक्ष्य सामाजिक परिवर्तनों का समर्थन करने वाली समकालीन चुनौतियों पर वैश्विक बहस में क्षेत्रीय योगदान प्राप्त करना है।