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‘मुस्लिम ला बोर्ड को रिव्यू पिटीशन नहीं दाखिल करना चाहिए’

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 21 2019 7:56PM | Updated Date: Nov 21 2019 7:56PM
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नई दिल्ली। ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को नसीहत देते हुए गुरुवार को कहा कि उसे अयोध्या मामले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करनी चाहिए तथा ऐसा करके वह केवल अपनी छवि चमका रहा है क्योंकि याचिका का खारिज होना एकदम तय है। मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज गुलाम सरवर ने यहां कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने नौ नवंबर को जो फैसला दिया है उसे सभी देशवासियों ने स्वीकार किया और देश में अघोषित तनावपूर्ण माहौल के मद्देनज़र इससे अच्छा फैसला नहीं हो सकता। प्रवक्ता ने यूनीवार्ता से कहा, ‘‘राजनेताओं को धार्मिक मामलों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे पिछड़े और शोषित वर्ग का ही नुकसान होता है।’’
 
उन्होंने उच्चम न्ययायालय के निर्णय की चर्चा करते हुए कहा,‘‘कई संगठनों ने फैसला आने से पहले कहा था कि जो भी निर्णय होगा हम उसे स्वीकार करेंगे लेकिन अब वे अनाप-शनाप बयान दे रहे है।’’ सरवर ने मुस्लिम पर्सनल बोर्ड पर सुनवाई में पैरवी सही तरीके से नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यदि बाबरी मस्जिद के पक्ष में फैसला आता तो देश में शायद शान्ति नहीं रहती लेकिन इसमें हिन्दू समुदाय की गलती नहीं है क्योंकि कोर्ट के फैसला नहीं मानने की शुरुआत मुस्लिम संगठनों ने शाहबानो के फैसले से की थी। कुछ संगठनों की हरकतों से देश में यह सन्देश गया कि उच्चतम न्यायायलय का फैसले का विरोध भी किया जा सकता है।’’
 
सरवर ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के ‘मस्जिद वापस चाहिए’ बयान को लेकर कहा कि उनसे अनुरोध है कि वह सांप्रदायिकता के आधार पर राजनीति नहीं करे। उन्होंने कहा कि ओवैसी देश के आम मुद्दे क्यों नहीं उठाते। वह केवल मुस्लिमों की बातें ही क्यों करते हैं। सरवर ने अयोध्या मामले और सविधान के अनुच्छेद 370 की तरह अनुच्छेद 341 में भी सुधार करने की मांग की।
 
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