नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को कहा कि महिलाओं और बच्चों को हिंसा और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए उनके घरों और पास पड़ोस में सुरक्षा सुनिश्चित करना तात्कालिक आवश्यकता है। ईरानी ने यहां महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक द्वारा आयोजित दूसरे दक्षिण एशिया सुरक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के विरूद्ध दर्ज अपराध के तीन लाख मामलों में अपराधी पति और संबंधी थे। इसलिए महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा का विषय घर के नजदीक होता है। उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार 42 प्रतिशत पुरुष घरेलू हिंसा को उचित बताते हैं और 62 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा का समर्थन करती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्थानीय क्षेत्र में महिलाओं की आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप सेंटर जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं। प्रत्येक महीने 10 वन-स्टॉप सेंटर खुल रहे हैं और इस वर्ष के अंत तक प्रत्येक जिले में एक वन-स्टॉप सेंटर होगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में तस्करी विरोधी इकाइयां होंगी। थानों तक महिलाओं और बच्चों की पहुंच को सहज बनाने के लिए प्रत्येक थाने में महिला सहायता डेस्क स्थापित किया जा रहा है क्योंकि अपनी सुरक्षा और जीवन को खतरा मानते हुए महिलाएं जब कभी संकट से घिरी होती हैं वे पहले थाना पहुंचती हैं। सम्मेलन में 125 नागरिक संगठन, महिला अधिकार समूह, बाल सुरक्षा विशेषज्ञ तथा शिक्षाविद लैंगिग समस्या तथा जनसंचार पर विचार कर रहे हैं। इस सम्मेलन में सुरक्षा व्यवहारकर्ता, मानसिक स्वास्थ्य तथा आत्महत्या निरोधक संगठन, दिव्यांगजन अधिकार समूह भाग ले रहे हैं।