नई दिल्ली। ब्रिक्स चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के महानिदेशक बी बी एल मधुकर ने कहा है कि ब्रिक्स देशों में आगे बढ़ने की ताकत और इनकी क्षमता असीमित है। मधुकर ने हाल ही संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद यहां कहा कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न:न सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे को जोर से उठाया है बल्कि उन्होंने फिट इंडिया मूवमेंट और जल संरक्षण के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है और इसके मद्देनजर मोदी ने ब्रिक्स के मंच पर इस मुद्दे को उठाकर सभी सदस्य देशों से इससे निपटने में सहयोग की अपील की है।
उन्होंने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट और जल संरक्षण दोनों पर भारत में जोर शोर से काम हो रहा है और मोदी ने इन दोनों मुद्दे को उठाकर सदस्य देशों से इस पर गौर करने की अपील की है। अभी पीने के पानी की बहुत बड़ी समस्या है। इसके मद्देनजर सभी देशों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के सभी सदस्य देशों ब्राजील, भारत, रूस, दक्षिण अफ्रीका और चीन में अपार संभावनायें हैं। इन देशों का तटीय क्षेत्र बहुत बड़ा है और ये इनका लाभ उठाने का अवसर मिलता है लेकिन इसकी चुनौतियां भी है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा विनिर्माता देश है।
इसी तरह से भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अव्वल है और अभी विनिर्माण की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ब्राजील कृषि के क्षेत्र में बहुत आगे है। यदि सभी सदस्य देश आपस में मिलकर एक साथ अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाये तो यह दुनिया में तेजी से आगे बढ़ेंगे। मधुकर ने कहा कि ब्रिक्स देशों को आपसी व्यवस्था को गति देने के लिए एक मुद्रा पर विचार करना चाहिए। जिस तरह से यूरोप के देशों ने यूरो को अपनाया है उसी तरह से ब्रिक्स देशों को एक मुद्रा अपनाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।