पेरिस। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने यहां 40वें यूनेस्को की आम सभा बैठक के दौरान डिजिटल लर्निंग ड्राफ्ट लांच किया। राउंडटेबल सम्मेलन संयुक्त रूप से यूनेस्को मुख्यालय और यूनेस्को की श्रेणी एक संस्थान, महात्मा गांधी शिक्षा और शांति और सतत विकास के लिए साझेदारी के साथ फिनलैंड सरकार और भारत सरकार की ओर से आयोजित किया गया था। इस आयोजन का संचालन यूनेस्को के सहायक संचार और सूचना महानिदेशक मोजेजÞ चचौक द्वारा किया गया था और इसे फिनलैंड की शिक्षा मंत्री ली एंडरसन ने इसकी शुरूआत की थी। नई दिल्ली स्थित यूनेस्को एमजीआईईपी द्वारा ड्राफ्ट दिशा-निर्देश बनाए गए थे जो यूनेस्को एमजीआईईपी और आंध्र प्रदेश राज्य सरकार की ओर से सह-आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन टेक 2018 में डिजिटल लर्निंग पर विशाखापत्तनम में घोषित किया गया था।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि आज के आयोजन का विशेष महत्व है क्योंकि यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब पूरी दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है। प्रौद्योगिक हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। प्रौद्योगिकी की शक्ति के साथ, हम गुणवत्ता, समावेशी और समग्र शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल लर्निंग समाधान बनाने की तत्काल आवश्यकता है। हमें इस प्रकार के समाधान खोजने की आवश्यकता है जो छात्रों को तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश के लिए तैयार कर सके। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि एमजीआईईपी और सैमसंग ने एक गेमिंग बार स्थापित किया है जो शिक्षा, संचार और सूचना के क्षेत्रों में जानकारी प्रदान करेगा। निशंक ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य मीडिया, सूचना और साक्षरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सोच के विकास को प्रोत्साहित करना है। उद्देश्यों में युवाओं में गेंिमग आधारित शिक्षण विधियों की अद्वितीय क्षमता का लाभ उठाकर बेहतर समझ, संवाद और शांति को बढ़ावा देना भी शामिल है।