मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया । महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के बीच शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार बनाने की कोशिशें लगातार चल रही हैं। सूत्रों के अनुसार, लंबी जद्दोहजहद के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच सरकार बनाने को लेकर सहमति बन चुकी है। खबर है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर तीनों ही दलों के बीच एक राय बन गई है। गुरुवार को तीनों दलों ने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसी बीच एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष नवाब मलिक ने कहा, 'अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उसके आत्मसम्मान को बनाए रखे क्योंकि उसने अपने पुराने गठबंधन को छोड़ा है। कांग्रेस सरकार का हिस्सा होगी या वह बाहर से हमारा समर्थन करेगी इसका जल्द फैसला होगा।'
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिल गया है जबकि एनसीपी को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद दिए जाने पर फैसला किया गया है। खबर है कि शिवसेना के खाते में 14 मंत्री पद आए हैं। सरकार बनाने की गतिविधियों ने रविवार से गति पकड़नी तब शुरू की जब शरद पवार ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की उम्मीद जताई। एनसीपी नेताओं के अनुसार पहले गांधी और पवार बैठक करेंगे और उसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मिलेंगे। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है कि क्योंकि यह सरकार गठन पर आखिरी मुहर लगाने का काम करेगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों से कहा कि कोई भी पार्टी भाजपा के बिना राज्य में सरकार नहीं बना सकती है। महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इसी बीच शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, 'बंदे हैं हम उसके हमपर किसका जोर, उम्मीदों के सूरज निकले चारों ओर।'