नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अयोध्या में उच्चत्तम न्यायलय के फैसले का स्वागत किया है लेकिन बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के दोषियों को सज़ा देने की भी मांग की है। माकपा पोलित ब्यूरो ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि पार्टी का शुरू से मानना था कि अयोध्या के फैसले को आपस में मिलकर सुलझाया जाया लेकिन अगर मामला नही सुलझता है तो उच्चत्तम के न्यायालय के फैसले को माना जाए। अदालत ने एक न्यायपूर्ण फैसला दिया है लेकिन उसके कुछ ऐसे पहलू हैं जिन पर आपत्तियां व्यक्त की जा सकती है। पार्टी ने यह भी कहा कि न्यायालय ने अब इस विवाद को सुलझा दिया है जिसका इस्तेमाल साम्प्रदायिक तत्वों ने किया जिससे हिंसा हुई और लोगों की जानें गईं। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि 2.77 एकड़ जमीन हिन्दू पक्ष को दी है कि वे मंदिर बनाये ईंवम मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या में दी जाए। पार्टी ने कहा कि अदालत ने यह भी कहा है कि बाबरी मस्जिद को गिराए जाने को गैर कानूनी बताया है। यह एक आपराधिक घटना थी और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतो पर हमला था। मस्जिद को गिराए जाने के मामले तो तेजी से निबटाया जाना चाहिए और दोषी व्यक्तियों को सज़ा दी जानी चाहिए। पार्टी ने सभी पक्षों से शांतिपूर्ण माहौल बनाने की अपील की है।