19 Apr 2024, 03:45:09 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

गैर परंपरागत हथियारों की चुनौती पर ध्यान दे सेना : राजनाथ सिंह

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 19 2019 12:34AM | Updated Date: Oct 19 2019 12:34AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि दुनिया भर में युद्ध के बदलते तौर तरीको के मद्देनजर सेना को भविष्य में गैर परांपरागत हथियारों के इस्तेमाल से संबंधित चुनौती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सिंह ने आज यहां सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बदली परिस्थितियों में युद्ध के तरीकों के नये रूप सामने आ रहे हैं जिससे नयी चुनौती खड़ी हो गयी है। उन्होंने कहा कि शीर्ष कमांडरों को भविष्य में गैर परांपरागत हथियारों के इस्तेमाल पर समुचित ध्यान देना चाहिए। रक्षा मंत्री ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी , साइबर, अंतरिक्ष , सूचना युद्ध और गढी जाने वाली धारणाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि देश के समक्ष सभी चुनौतियों से निपटने के लिए सेना का इस्तेमाल आखिरी विकल्प होना चाहिए चाहे वह उग्रवाद से मुकाबला हो , सीमा संबंधी चुनौती हो या मानवीय सहायता के मिशन हों। उन्होंने कहा कि सेना जम्मू कश्मीर की चुनौती से निपटने के लिए सभी सुरक्षा एजेन्सियों के साथ मिलकर अच्छी भूमिका निभा रही है। सेना की यह भूमिका असाधारण है। 

सिंह ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और एकीकरण को अभियानों के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की इसमें महत्वपूर्ण भमिका रहेगी। उन्होंने सेना द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में चलाये जा रहे सद्भावना मिशनों की भी सराहना की। रक्षा तैयारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कमांडरों को आश्वस्त किया कि सेना को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी हालाकि साथ ही उन्होंने बजट की सीमाओं का भी उल्लेख किया। मेक इन इंडिया के तहत भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूत बनाने का भी उन्होंने कमांडरों से आव्हान किया। उन्होंने कहा कि सेना देश की अपेक्षाओं पर खरी उतरी है और सभी को देश की सुरक्षा को लेकर उस पर भरोसा है। सेना के शीर्ष कमांडरों का सम्मेलन गत गत सोमवार को शुरू हुआ था। सम्मेलन में सेना की तैयारियों, मौजूदा और भविष्य की संचालन जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण, सैन्य सुधार और संसाधनों के अधिकतम इस्तेमाल जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गयी। 

 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »