नई दिल्ली। अयोध्या विवाद की सुनवाई कर चुकी पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आज मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया। न्यायालय रजिस्ट्री ने कल रात वेबसाइट पर जारी एक नोटिस में कहा था कि अयोध्या विवाद की सुनवाई कर चुकी संविधान पीठ गुरुवार को बंद कमरे में विचार विमर्श के लिए बैठेगी, हालांकि उसमें यह नहीं बताया गया था कि किन मुद्दों पर विचार विमर्श किया जायेगा। शीर्ष अदालत के सूत्रों ने यहां बताया कि संविधान पीठ के पांचों सदस्य -मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर- ने बंद कमरे में विचार विमर्श किया।
सूत्रों की मानें तो संविधान पीठ ने मध्यस्थता पैनल की ओर से कल पेश की गयी रिपोर्ट पर चर्चा की है। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक दो सत्रों में हुई है- सुबह सवा ग्यारह बजे से अपराह्न एक बजे तक और अपराह्न दो बजे से तीन बजे तक। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति ने कल सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी है। समिति में आर्ट आॅफ लिंिवग के संस्थापक रविशंकर और जाने माने वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं।