नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने उच्च शिक्षा में कौशल विकास तथा प्रबन्धन कला पर जोर देते हुए कहा है कि भारत स्टार्ट अप के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर पहुँच गया है और गत तीन सालों में स्टार्ट अप से करीब साढ़े पांच लाख नयी नौकरियां लोगों को मिली हैं। अरोड़ा ने सोमवार को एशिया पैसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के बीसवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय बना था तो वह इस मंत्रालय के पहले सचिव बने थे और उन्होंने इस पर बहुत जोर दिया था और इसे रोजगार से जोड़ा था।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास और उद्यमशीलता का असर ये हुआ कि आयीआयीटी और आयीआयीएम के छात्रों ने ही नहीं बल्कि आयीआयीएस उत्तीर्ण कर लोगों ने अपने स्टार्ट उप शुरू किये और उन्हें बहुत सफलता मिली। इस संदर्भ में उन्होंने कई उदाहरण पेश किये और कई लोगों के नाम लिए जिन्होंने इस क्षेत्र में एक नया मुकाम बनाया और इस तरह समाज में नये तरह का योगदान भी दिया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दाखिला लेने के बाद सिविल सेवा की परीक्षा पास करने के उपरांत नौकरी छोड़ने वाले रोमन सिने जैसे लोग भी हुए जिन्होंने ऑनलाइन कोचिंग शुरू कर सिविल सेवा के लिए छात्रों को तैयार किया।
1982 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रवेश वर्मा ने वीआरएस लेकर सब्जीवाला नामक एक रिटेल कारोबार शुरू किया। इस तरह कई स्टार्ट अप काफी सफल हो गये। ये स्टार्ट अप सामाजिक, आर्थिक बदलाव के वाहक बन गये हैं। उन्होंने छात्रों को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वे समाज की बेहतरी और देश की अर्थव्यस्था को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान देंगे और इस तरह अपनी पहचान भी बनायेंगे। उन्होंने हाल ही में रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले तीन वैज्ञानिकों 97 वर्षीय वैज्ञानिक जान गुड एनफ अकिरा यशिनो और स्टेनली व्हीट इंगम की चर्चा की जिसने लिथियम बैटरी का आविष्कार कर एक बड़ा योगदान दुनिया को दिया।