अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दरबार में दीपोत्सव मनाने संबंधी मांग पत्र परिसर के रिसीवर और अयोध्या के मण्डलायुक्त को सौंपेगा। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने रविवार को यूनीवार्ता को बताया कि विश्व हिन्दू परिषद का एक प्रतिनिधिमण्डल सोमवार को विवादित परिसर के रिसीवर एवं अयोध्या के मंडलायुक्त मनोज मिश्र से मिलेगा और उन्हे श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दरबार में दीपोत्सव मनाने की अनुमति देने संबंधी एक मांग पत्र सौंपेगा। उन्होंने बताया कि विवादित परिसर में विश्व हिन्दू परिषद दीपोत्सव मनाना चाहता है। अगर श्रीरामजन्मभूमि परिसर के रिसीवर ने दीपोत्सव मनाने की अनुमति दे दी तो रामलला के दरबार में 5100 दीप जलाने की योजना है। दीपोत्सव का त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है।
प्रदेश सरकार ने यहां छोटी दीवाली यानी 26 अक्टूबर को आयोजित दीपोत्सव को प्रांतीयकृत मेला भी घोषित कर दिया है और उसके लिये बजट का आवंटन भी किया गया है। शर्मा ने कहा कि जब पूरे अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है तो विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दरबार में क्यों नहीं दीपोत्सव मनाया जा सकता है। दीपोत्सव के आयोजन का नाता सीधे प्रभु राम से ही है इसलिये उनके जन्मस्थान पर दीपोत्सव मनाना चाहिये। विवादित श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस बारे में कहा कि मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर में विराजमान रामलला के समक्ष और चारों ओर की बाहरी दीवारों पर दिये जलाये जाते हैं। लावा मिठाई इत्यादि का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण किया जाता है लेकिन उन्हे दीवाली का कोई अतिरिक्त बजट नहीं मिलता है।